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प्रादेशिक

टीएमसी ने जारी किया अपना मेनिफेस्टो, हर साल 5 लाख रोजगार का किया वादा

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कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कई बड़े ऐलान किए।

टीएमसी के अपने मेनिफेस्टो में हर साल 5 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया है। सीएम ममता मेनिफेस्टो जारी करते हुए कहा, ”हम बेरोजगारी कम करेंगे। एक साल में 5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।” ममता ने कहा कि जब टीएमसी सत्ता में आई तो हमारा राजस्व लगभग 25,000 करोड़ रुपये था, अब यह 75,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

गौरतलब है कि बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी शुरुआत 27 मार्च से हो रही है। अंतिम चरण के मतदान 29 अप्रैल को होंगे। बंगाल में इस समय बीजेपी और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है।

जहां एक ओर बीजेपी पहली बार सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है वहीं 10 साल से चल रही ममता बनर्जी की सरकार के सामने अपनी सत्ता बचाए रखने की चुनौती है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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