आध्यात्म
इन तीन राशि वाले लोगों को जनवरी से ही होने लगेगा धनलाभ, चारो तरफ से बरसेंगे पैसे!
नई दिल्ली। 2018 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। यह साल कई लोगों के लिए अच्छा रहा वहीं कुछ लोगों के लिए निराशा से भरा भी रहा है ऐसे में सभी लोग नए साल को उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे है कि आने वाला नया साल उनके लिए अच्छा हो। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन राशि वाले लोगों की किस्मत नए साल में चमकने वाली है।
कन्या राशि (23 अगस्त से 22 सितंबर)
अगर आप कन्या राशि के हैं तो खुश हो जाइए क्योंकि यह नए साल पर आपको खुशखबरी मिलने वाली है। शनि ग्रह की स्थिति कन्या राशि वालों को अनुकूल अवसर दिलाएगी। 2019 का साल शक्ति, दृढ़ निश्चय और कार्यक्षेत्र में सफलता के नाम होगा। सिर्फ मेहनत कीजइसके बाद का वक्त आपके लिए बेहद शानदार रहेगा।
धनु (23 नवंबर-21 दिसंबर)-
2019 आपके लिए बहुत अच्छा साबित होने वाला है। आप किसी नए शहर में जा सकते हैं, शादी हो सकती है या आप परिवार बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं साथ ही आपको धनलाभ भी होने के आसार हैं।
वृश्चिक राशि (23 अक्टूबर-22 नवंबर)-
2019 इनके लिए शानदार रहेगा। नए साल में अपनी कोशिशों से ये अपने लक्ष्य प्राप्त करने में सफल रहेंगे। वृश्चिक राशि 2019 की सबसे भाग्यशाली राशियों में से एक है और नए साल में ये जो चाहेंगे, इन्हें मिल सकता है।
आध्यात्म
आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी
नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है
रामनवमी का इतिहास-
महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।
नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।
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