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आध्यात्म

नए साल में इन 4 राशियों का होगा भाग्योदय, कहीं वो आप तो नहीं

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आज के दौर में हर इंसान की ज़िंदगी में कोई न कोई चुनौती होती है। साल 2018 में हम लोगों ने कई चुनौतियों का सामना किया होगा। आने वाले साल में भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन आज हम आपको उन 4 राशियों के बारे में बताने वाले है, जिनका भाग्य सूर्य की तरह तेज़ चमक रहा है, जिससे अपने जीवन में आने वाली हर चुनौतियों को इन राशि के जातक आसानी से पार कर लेंगे।

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बता दें, वो राशियां है – तुला ,मीन,वृषभ,और कुंभ। इन राशियों के लिए नया साल नयी सौगात लेकर आ रहा है। इन राशि के लोगों को सफलता के नए मार्ग हासिल होंगे। अचानक धन लाभ होगा और सफलता के नए-नए अवसर प्राप्त होंगे जिनका आप भरपूर लाभ उठाएंगे। कोई बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। जो बेरोज़गार हैं उन्हें किसी अच्छी कंपनी से जॉब का ऑफर आ सकता है।

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2019 का साल आपके व्यापार और जीवन में अत्यधिक धन लाभ लेकर आने वाला है। प्यार के मामलों में आपको सफलता मिलेगी। नौकरी करने वाले लोगों को प्रमोशन मिलेगा। नए साल में आप अपने दोस्तों के साथ मिलकर किसी नए काम की शुरुआत करेंगे।

 

आध्यात्म

होलिका दहन पर भद्रा का साया, जानें शुभ मुहूर्त

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नई दिल्ली। 24 मार्च यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इस दिन भद्रा का साया रहेगा. जबकि रंग वाली होली 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे। इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.

होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक?

24 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर पाएंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा।

होलिका दहन की पूजन विधि

होलिका दहन के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। शाम के वक्त होलिका दहन के स्थान पर पूजा के लिए जाएं। यहां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला अर्पित करें। अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं।

फिर होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें. होलिका माई को जल अर्पित करें और सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें। शाम को होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें. इसकी अग्नि में नई फसल को चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को लोग घर लाने के बाद प्रसाद के रूप में बांटतें हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है।

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