प्रादेशिक
फिल्म प्रमोशन के लिए ‘आजकीखबर’ के ऑफिस पहुंची THE HUNDRED BUCKS की टीम
लखनऊ। मूवी ‘THE HUNDRED BUCKS’ की टीम रविवार को फिल्म के प्रमोशन के लिए ‘आजकीखबर’ के ऑफिस पहुंची। इस दौरान फिल्म के निर्माता दुष्यंत सिंह और अभिनेत्री कविता ने फिल्म को लेकर अपने अनुभव साझा किए।
इस फिल्म के बारे में बात करते हुए दुष्यंत सिंह ने बताया कि आखिर उन्होंने इस फिल्म का नाम ‘THE HUNDRED BUCKS’ ही क्यों रखा। दुष्यंत ने बताया कि शुरूआती दिनों में जब वो मुंबई गए तो वहां कुछ पैसे वाले लोग रुपये की जगह बक्स शब्द का इस्तेलाम करते थे। इसी से प्रेरित होकर ही उन्होने फिल्म का नाम ‘THE HUNDRED BUCKS’ रखा।
उन्होंने कहा कि अगर मैं फिल्म का नाम ‘THE HUNDRED RUPEES’ रखता तो ये अच्छा न लगता। इसलिए फिल्म के नाम में मैंने रु की जगह BUCKS शब्द का इस्तेमाल किया। इस दौरान उन्होंने ‘हीरा पन्ना’ मूवी का एक गीत भी अपनी मधुर आवाज़ में सुनाया। दुष्यंत कुमार मशहूर गायक सुरेश वाडकर को अपना आदर्श मानते हैं।
वहीँ अभिनेत्री कविता की ये पहली फिल्म है। उन्होंने कहा कि एक्टिंग का कीड़ा उनमे बचपन से ही था लेकिन घरवालों का उन्हें उतना सपोर्ट नहीं मिल रहा था। एक दिन उनकी टीचर ने उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि तुम्हारी हाइट अच्छी है तुम मॉडलिंग में में करियर बना सकती हो। इसके बाद ही उन्हें फ़िल्मी दुनिया में कदम रखने का फैसला किया। कविता ने बताया कि बॉलीवुड में उन्हें दीपिका पादुकोण से काफी प्रेरणा मिलती है। खासतौर से उन्होंने चेन्नई एक्सप्रेस में दीपिका के अभिनय की जमकर तारीफ़ की। ये फिल्म 22 जुलाई को रिलीज होगी।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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