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नेशनल

सुशांत के पिता ने एक्टर की दोस्त रिया पर लगाए बड़े आरोप

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अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने रिया चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए जो आरोप लगाए हैं, उनमें से चार सुशांत के सो कॉल्ड “डिप्रेशन” को लेकर ही है।

1. 2019 से पहले जब मेरे बेटे सुशांत सिंह कोई भी दिमागी परेशानी नहीं थी, तो रिया के संपर्क में आने के बाद अचानक या हुआ? सुशांत सिंह को दिमागी रूप से क्या परेशानी हो गई इसकी जांच की जाए?

2. उसका दिमागी इलाज चल रहा था तो इस संबंध में हमसे कोई लिखित या मौखिक अनुमति क्यों नहीं ली गई, क्योंकि जब कोई मानसिक रूप से बीमार होता है तो उसके सारे अधिकार उसके परिवार के ही पास होते हैं। इसकी जांच करवाई जाए?

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3. इस दौरान जिन-जिन डॉक्टरों ने रिया के कहने से मेरे बेटे का इलाज किया है, मुझे लगता है कि ये डॉक्टर भी रिया के साथ साजिश में शामिल थे। इस बात की जांच होनी चाहिए कि उन्होंने क्या इलाज किया था? कौन सी दवाईयां मेरे बेटे को दी थीं?

4. जब रिया को पता चला कि मेरे बेटे की मानसिक हालत नाजुक चल रही है तो इस स्थिति में उसका ठीक तरीके से इलाज न करवाना और उसके इलाज के सारे कागजात अपने साथ ले जाने और मेरे बेटे को उस नाजुक हालात में अकेला छोड़ देने और उससे हर तरह के संपर्क तोड़ लेने के कारण मेरे बेटे ने आत्महत्या कर ली।

#ssr #sushantsinghrajput #bollywood #rhea

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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