नेशनल
पिता से 10 हजार रुपए उधार लेकर अरबपति बना था ये शख्स, पल भर में गंवाए 12 हजार करोड़!
नई दिल्ली। भारत के मशहूर बिजनेसमैन दिलीप सांघवी के 12 हजार करोड़ रुपए पल भर में डूब गए। शुक्रवार को महज एक ईमेल से दिलीप की बरसों की कमाई पल भर में ही चली गई।
प्रमुख फार्मास्यूटिकल कंपनी सन फार्मा के खिलाफ एक व्हिसलब्लोअर द्वारा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में की गई शिकायत की खबरों के बाद कंपनी के शेयरों में बीएसई सेंसेक्स पर तेज गिरावट दर्ज की गई है।
शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में 12 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि सत्र के अंत में कंपनी के शेयर 36.65 रुपये या 8.58 फीसदी की गिरावट के साथ 390.50 रुपये प्रति शेयर की दर पर बंद हुए, जबकि एक दिन पहले कंपनी के शेयर 427.15 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुए थे।
अपने शेयरों में हुई तेज गिरावट के बाद सन फार्मा ने सेबी को लिखे पत्र में कहा कि विश्लेषकों, निवेशकों और मीडिया के बीच असंबद्ध सूचनाएं फैली हुई हैं, जिसके कारण काफी अटकलबाजी लगाई जा रही है।
सन फार्मा ने लिखा, “हम आपकी जानकारी में अपनी कंपनी के खिलाफ एक दूसरी कथित व्हिसलब्लोअर शिकायत को लाना चाहते हैं, जिसके बारे में हमें 15 जनवरी, 2019 को एक मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला।”
कंपनी ने कहा, “चुनिंदा निवेशकों के एक समूह को व्हिसलब्लोअर के दस्तावेजों में निहित जानकारी उपलब्ध है, जिससे खुदरा निवेशक सहित अन्य निवेशक नुकसान की स्थिति में हैं।”
आपको बता दें कि दिलीप ने अपने पिता से महज 10 हजार रुपए उधार लेकर बिजनेस शुरू किया था, जो लगभग 32 साल में अरबों के बिजनेस एम्पायर में तब्दील हो गया।
नेशनल
सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
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