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प्रादेशिक

मोबाइल पर रिजल्ट देखते ही छात्र को आया हार्ट अटैक, अस्पताल ले जाते समय मौत

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मैनपुरी। यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम शनिवार को घोषित कर दिए। ये परिणाम किसी के चेहरे पर खुशियां लेकर आए तो किसी को निराशा हाथ लगी। इस बीच मैनपुरी में परीक्षा परिणाम देखने के बाद एक छात्र की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। बताया जा रहा है परिणाम आने से पहले छात्र काफी टेंशन में था। परिणाम घोषित हुआ तो पता चला कि वो फेल हो गया है। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। परिजन उसे अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मामला मैनपुरी जिले के एक कस्बे से जुड़ा है। यहां राजेश वाल्मीकि के 18 वर्षीय पुत्र अंकित वाल्मीकि ने इस बार इंटर की परीक्षा दी थी। शनिवार को अंकित अपने मोबाइल पर परीक्षा का परिणाम देख रहा था। परीक्षा परिणाम में वह फेल हो गया तो उसकी तबियत खराब हो गई।

उसकी हालत खराब देख परिवार के लोग उसे सीएचसी घिरोर लेकर पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया और दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत होने की जानकारी दी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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