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सलमान के जेल जाने से खुश है ये अभिनेत्री, कहा- उसे मिली पापों की सजा

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काला हिरण शिकार मामले को लेकर 20 साल पुराने केस में सलमान खान की जमानत याचिका पर जोधपुर की सेशन कोर्ट में शुक्रवार 6 अप्रैल को सुनवाई हुई। जज रवींद्र कुमार जैन ने फैसला शनिवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। अब इस मामले में सुनवाई शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे होगी। बता दें कि सलमान को गुरुवार को दोषी करार दिया गया था। कोर्ट ने सलमान को 5 साल कैद की सजा सुनाई और 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

जहां सलमान खान के जेल जाने और उन्हें सजा मिलने से पूरा बॉलीवुड गमगीन और फिल्म हस्तियां उदास हैं वहीं दूसरी ओर कोई ऐसा भी है, जिसे सलमान के जेल जाने पर काफी प्रसन्नता हुई है और इस कदर हुई है कि उन्होंने अपनी खुशी सोशल मीडिया पर शेयर भी की है। ऐसे में अब आप भी जानना चाहेंगे कि आखिर कौन है वो जो इतना खुश हुई है, बता दें कि वो कोई और नहीं बल्कि विवादित अभिनेत्री सोफिया हयात हैं, जो कभी खुद को सलमान की बहुत बड़ी प्रशंसक कहती थीं, जिन्हें सलमान की सजा से काफी राहत मिली है।

उन्होंने इसके लिए सोशल मीडिया पर एक फोटो के साथ अच्छी खासी लंबी पोस्ट भी लिखी है। अभिनेत्री सोफिया हयात ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर सलमान खान की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि आखिरकार आपके कर्म आपको पकड़ ही लेते हैं। बहुत से लोग सलमान के खिलाफ मुंह नहीं खोलते हैं क्योंकि वो बॉलीवुड को हैंडल करते हैं और अगर इनसे ठन गई तो बॉलीवुड में वो चल नहीं पाएंगे लेकिन मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं है। मैं खुश हूं कि सलमान को अपने कर्मों की सजा मिली और उन्हें जेल जाना पड़ा है।

सलमान खान लोगों के आदर्श हैं, बहुत सारे युवागण उन्हें फॉलो करते हैं, ऐसे में वो अगर जानवर को मारेंगे तो इसका असर हमारे युवाओं पर भी पड़ेगा। उन्हें भी ऊपर वाले ने ही बनाया है और धरती के लिए बहुत जरूरी है लेकिन सलमान ने उसे मारते वक्त केवल अपने बारे में सोचा, ये गलत है। युवाओं को क्या शिक्षा दे रहे हैं कि कानून तोड़ना और जानवरों को मारना फिर खुद को बचाना सही है सिर्फ इसलिए क्योंकि वह एक सिलेब्रिटी हैं?

ये देखें अभिनेत्री सोफिया हयात की पोस्ट…

Karma gets you in the end…Many people are afraid to talk against Salman because they think he controls Bollywood. Well, I no longer serve my ego and therefore am not afraid to speak up. I am so happy that Salman has gone to jail for what he has done. Animals are so important to this planet and doing what he did and then mocking it was a huge act of his own self importance. Lots of children look up to him, and he has a responsibility to the young people.What is he showing the world when he does things like this? What lessons is he giving them? That it is ok to break the law, to kill animals and then mock it because he is a celebrity? In any western country he would have been vilified for this and the drink driving deaths that he caused. He has then reinvented himself as a charitable man to try and compensate his karma. Today, India has shown that no matter who you are, if you break the law, you are no bigger than the law. I have heard so many young people in India speak about how they are afraid to go to the police about crimes committed by others because they watch the tv and see how people with money and status get away with it because they have paid off the police or the judge or the lawyers. This happened to me when Armaan Kohli paid off 2 of my lawyers so that I could not continue with the case, Dolly Bindra also told me that Armaans family are powerful enough to put drugs in my bag at the airport and I would be in Jail. I had to then drop the case as all the lawyers I hired were paid off. Today, Hindustan can stand strong and hold its head up high to the world and show them that justice is held up in India, and today, all the poor people have been shown a glimmer of hope in their own fight for justice against those who have manipulated the law. Today I can say Hindustaan Zindabaad!

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आगे उन्होंने लिखा एक ओर तो वो पाप करते हैं और दूसरी तरफ वो पापों की भरपाई परोपकार करके करते हैं तो ये कहां का इंसाफ है, मैं भारतीय कानून की तारीफ करती हूं, जिसने सबको एक ही तराजू में तौल दिया। सोफिया ने कहा कि मुझे अपनी बात भी याद है, जब अरमान कोहली ने मेरे वकीलों को खरीद लिया था लेकिन मैं कुछ नहीं कर पाई थी। लेकिन आज कानून शक्तिशाली है। सोफिया ने आगे कहा आज मैं बड़े गर्व के साथ कह सकती हूं, हिंदुस्तान जिंदाबाद।

 

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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