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प्रादेशिक

भारत तिब्बत सहयोग मंच और भाजयुमो ने चीन के खिलाफ किया विरोध-प्रदर्शन

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लखनऊ। आज इन्जीनियरिंग कालेज चौराहे पर भारत तिब्बत सहयोग मंच लखनऊ के जिलाध्यक्ष तथा भाजयुमो के वरिष्ठ कार्यकर्ता कुशाग्र वर्मा के नेतृत्व में दर्जन भर से अधिक लोगों ने हाथों में पोस्टर, तख्ती आदि लेकर पुरजोर तरीके से चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर अपना रोष जाहिर किया। साथ ही स्थानीय विक्रेताओं से चीन द्वारा बने सामान को न बेचने के लिए शपथ दिलाई और चाइनीज उत्पाद का बहिष्कार करने के नारे लगाये।

विरोध-प्रदर्शन से पहले सभी ने लद्दाख की गल्वान घाटी में धूर्त चीन द्वारा झड़प में शहीद हुए सभी 20 वीर जवानों को माल्यार्पण कर विनम्र श्रृद्धांजलि दी। और कसम खाई कि चाइना और चाइनीज सामान का बहिष्कार मंच लगातार करता रहेगा।

इसीक्रम में मंच के अवध प्रांत महामंत्री के. पी. मिश्र जो विगत दो वर्षों से भी अधिक समय से अस्वस्थ हैं फिर भी अपने भारत देश और भारतीय सेना के सम्मान में घर पर अकेले ही बहादुर शहीदों के प्रति श्रृद्धांजलि अर्पित की तथा स्लोगन लिखी तख्ती लेकर चीन के विरूद्ध रोष जताया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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