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प्रादेशिक

राजस्थान चुनावः बीजेपी की पहली लिस्ट में हैं ऐसे लोगों के नाम, जानकर सोच में पड़ जाएंगे आप!

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नई दिल्ली। 7 दिसंबर को होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी की पहली लिस्ट चौंका देने वाली है। बीजेपी ने अपनी पहली सूची में उन लोगों को भी जगह दी है जो पहले बीजेपी के टिकट पर हार का सामना कर चुके हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं ये उम्मीदवार…

रामस्वरूप लांबा

रामस्वरूप लांबा की पहचान खुद से ज्यादा अपने पिता की वजह से पहचाना जाता है। पूर्व मंत्री और दिवंगत नेता सांवरलाल जाट के बेटे रामस्वरूप अपने पिता के निधन के बाद उनकी सीट पर उपचुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हार के बावजूद लांबा को नसीराबाद से टिकट थमा दिया गया है।

आमेर से बीजेपी प्रत्याशी सतीश पूनिया

राजस्थान में बीजेपी के बड़े नेताओं में सतीश पूनिया भी शुमार हैं। हाल के दिनों में पार्टी के टिकट वितरण में भी सक्रिय देखे गए। अब सतीश पूनिया को चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी पार्टी ने सौंपी है। बीजेपी की पहली लिस्ट में आमेर विधानसभा सीट से पूनिया को प्रत्याशी बनाया गया है। संघ पृष्ठभूमि के पूनिया मोदी लहर के बावजूद पिछला चुनाव हार गए थे। लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने उन पर फिर से भरोसा जताया है।

कर्नल सोनाराम

कर्नल सोनाराम को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने का ईनाम भी मिला. बीजेपी ने उन्हें बाड़मेर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। कर्नल सोनाराम चौधरी 4 बार सांसद और एक बार विधायक रह चुके है। साल 2013 में बायतु से कांग्रेस के बैनर से विधानसभा चुनाव लड़े थे लेकिन बीजेपी के कैलाश चौधरी के सामने हार का सामना करना पड़ा। चार महीने बाद वो कांग्रेस को छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।

रामसिंह कस्वां

सादुलपुर विधानसभा सीट से इस बार बीजेपी ने 72 वर्षीय रामसिंह कस्वां पर दांव खेला है। पिछली बार इस सीट पर राम सिंह कस्वां की पत्नी कमला कस्वां त्रिकोणीय मुकाबले में बीएसपी के मनोज न्यांगली से हार गई थी। लेकिन इस बार कमला कस्वां का टिकट काटकर बीजेपी ने इनके पति राम सिंह कस्वां पर दांव खेला है। राम सिंह कस्वां 4 बार सांसद रह चुके है। 13 बार लगातार सरपंच रहे है। वहीं 1998 में इसी सीट से विधायक का चुनाव भी जीते हैं। वर्तमान में इनके बेटे राहुल कस्वां चुरू से सांसद है।

 

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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