नेशनल
चाकू लेकर संसद में घुस रहा था युवक, सुरक्षाबलों ने पकड़ा
नई दिल्ली। संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे एक बाइक सवार युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।
युवक के पास से एक चाकू बरामद हुआ है। सोमवार को दिल्ली के विजय चौक पर आर्यन गेट के पास इस युवक को संसद भवन परिसर में घुसने का प्रयास करते समय सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
Delhi: A person has been detained while he was trying to enter the Parliament allegedly with a knife. He has been taken to Parliament police station. pic.twitter.com/rKforH5i5R
— ANI (@ANI) September 2, 2019
संदिग्ध युवक को हिरासत में लेकर पुलिस तफ्तीश कर रही है। चाकू लेकर संसद परिसर में घुसने के पीछे की वजह अभी साफ नहीं हो सकी है।
आपको बता दें कि हाल ही में एक ऑडी कार ने अपनी तेज रफ्तार से परिसर के पास आतंक मचा दिया था। संसद के ठीक सामने और दिल्ली के सबसे अतिसंवेदनशील इलाके विजय चौक पर एक स्पोर्ट्स ऑडी कार ने 13 जुलाई को तड़के आतंक मचाया था।
यह घटना प्रधानमंत्री कार्यालय महज कुछ ही दूरी पर हुई थी। पुलिस के मुताबिक उस रोज सुबह करीब 4 बजे सफेद रंग की ऑडी कार आई।
विजय चौक पर ऑडी सवार स्टंट करने लगा। यही नहीं, हवा से बातें करते हुए ऑडी ने विजय चौक के कई चक्कर लगाए और बाद में ये ऑडी कार वहां से गायब हो गई।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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