प्रादेशिक
पीएम मोदी के मन की बात पर उत्तराखंड के सीएम ने कही बड़ी बात
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुना। कार्यक्रम के बाद सीएम आवास में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन की बात का प्रभाव लाखों लोगों पर पड़ता है।
उनसे प्रेरित होकर लाखों लोगों की सोच बदली है, उनकी सोच ‘मैं से हम’ की ओर हुई है। प्रधानमंत्री की मन की बात में साम्यता होती है। प्रभाव उस बात का होता है जब मन, वचन और कर्म तीनों में साम्य होता है। हमारे प्रधानमंत्री की साम्यता बङी प्रभावशाली होती है, लाखों लोगों के जीवन को प्रेरित करती है।
प्रधानमंत्री ने आज त्यौहारों की खुशियां साधनहीन लोगों के साथ बांटने, लक्ष्मी का रूप बेटियों को सम्मानित करने, नशा मुक्त और कचरा मुक्त भारत बनाने और जीवन में विनम्रता व जोश बनाए रखने की बात कही है। सभी भारतवासी अपने प्रधानमंत्री की बात से सहमत हैं। देश के विकास के लिए हमें जागरूक होकर अपना योगदान देना होगा।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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