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अन्तर्राष्ट्रीय

मुशर्रफ ने खोली पाकिस्तान की पोल, कहा- “मेरे कार्यकाल में PAK जैश की मदद से भारत में कराता था बम धमाके”

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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का हाल ही में एक इंटरव्यू सामने आया है जिसमे उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ा खुलासा किया है। परवेज मुशर्रफ ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है।

मंगलवार को पाकिस्तान सरकार ने हाफिज सईद के संगठन जमात-उत-दावा और फलह-ए-इंसानियत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे बैन कर दिया है। बुधवार को एक कदम और आगे बढ़ते हुए पाकिस्तान सरकार ने हाफिज सईद के संगठन से जुड़ी कई संपत्तियों को सीज किया। इन सबके बीच पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए सनसनीख़ेज़ खुलासा किया है।

पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तानी चैनल हम टीवी से बात करते हुए स्वीकार किया है कि जैश-ए- मोहम्मद और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के बीच गहरा संबंध था। आईएसआई की मदद से जैश के प्रमुख मसूद अजहर ने भारतीय जमीन के कई इलाकों में बम धमाके कराए थे।

पाकिस्तानी पत्रकार नदीम मलिक को दिए इंटरव्यू में मुशर्रफ ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह वही संगठन है जिसने पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहते हुए उन पर हमला कर हत्या का प्रयास किया था। मुशर्रफ ने कहा कि, ‘यह एक अच्छा कदम है। मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि जैश-ए-मोहम्मद एक आतंकी संगठन है। इस आतंकी संगठन के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। बता दें कि जिस समय परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे, उस समय जैश ने उनपर दो बार हमले कराए थे, जिसमें वे बाल-बाल बच गए थे। दिसंबर 2003 में रावलपिंडी के झांडा चिची में आत्मघाती हमलावर ने परवेज मुशर्रफ पर हमला कराया था। मुशर्रफ ने कहा कि यह सौभाग्य कि बात है कि वे इस हमले में बच गए।

भारत द्वारा की कार्रवाई और आतंकवाद पर दुनिया भर के देशों के दबाव के बीच पाकिस्तान ने मंगलवार को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई और बेटे सहित 44 दहशतगर्द को गिरफ्तार किया था जिसमे अजहर का भाई मुफ्ती अब्दुर रऊफ और मसूद का बेटा हम्माद अजहर भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा पिछले सप्ताह पाकिस्तान को सौंपे गए डोजियर में मुफ्ती अब्दुर रऊफ और हम्माद अजहर के नाम शामिल थे।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में केन्या के रक्षा प्रमुख की मौत, राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेश

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नई दिल्ली। केन्या के आर्मी चीफ जनरल फ्रांसिस ओगोला की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है। उनके साथ हेलीकॉप्टर पर सवार 9 और लोगों की भी जान चली गई। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने घटना के संबंध में जानकारी दी। राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि केन्या के रक्षा प्रमुख और नौ अन्य शीर्ष अधिकारियों की गुरुवार को देश के एक दूरदराज के इलाके में एक सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

रुटो ने कहा, ‘मुझे केन्या रक्षा बलों के प्रमुख जनरल फ्रांसिस ओमोंडी ओगोला के निधन की घोषणा करते हुए गहरा दुख हो रहा है। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक जांच टीम गठित की गई है और उन्हें एल्गेयो मराकवेट काउंटी में दुर्घटना स्थल पर भेजा गया है।’

रूटो ने बताया कि जनरल ओगोला केन्या के उत्तरी रिफ्ट क्षेत्र में सैनिकों के साथ बैठक करने और वहां पर चल रहे स्कूल नवीकरण का निरीक्षण करने के लिए गुरुवार को नैरोबी से रवाना हुए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए, केन्या रक्षा बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में, यह केन्या रक्षा बलों की बिरादरी के लिए एक दुखद क्षण है और यह राष्ट्र के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। हमारी मातृभूमि ने अपने सबसे बहादुर जनरलों में से एक को खो दिया है।’

राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि केन्या में शुक्रवार से तीन दिनों का शोक मनाया जाएगा। केन्या के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, जनरल ओगोला 1984 में केन्याई रक्षा बलों में शामिल हुए और केन्या वायु सेना में तैनात होने से पहले 1985 में वो दूसरे लेफ्टिनेंट बने थे। राष्ट्रपति के प्रवक्ता हुसैन मोहम्मद के अनुसार, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद केन्याई राष्ट्रपति ने नैरोबी में देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक तत्काल बैठक बुलाई है।

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