प्रादेशिक
लखनऊः कोरोना के खात्मे के लिए दयाल रेज़ीडेंसी कॉलोनी में पंच कुण्डीय महायज्ञ का हुआ आयोजन
लखनऊ। समाज में फैली बुराई और कोरोना महामारी के खिलाफ आज दयाल रेज़ीडेंसी कालोनी में पंच कुण्डीय महायज्ञ का आयोजन हुआ। यह महायज्ञ गायत्री परिवार के तत्वाधान में सम्पन्न हुआ। गायत्री परिवार हरिद्वार की लखनऊ शाखा के संतों ने मां गायत्री के वेद मंत्रों का जाप करते हुए पांच कुंडों में विशाल महायज्ञ कराया। कालोनी के सभी सभ्रांत नागरिकों ने महायज्ञ में समाज मे फैली बुराई एवम देश हित और समाज हित के कल्याण हेतु कोरोना महामारी के खिलाफ वेद मंत्रों का जाप करते हुए हवन किया।
हवन सामग्री और देशी घी की खुशबू एवम मंत्रोचार से आज दयाल रेज़ीडेंसी कालोनी गूंज उठी। इस महायज्ञ में अपने परिजनों के साथ पुरुषों और महिलाओं ने आहूति दी। महायज्ञ सम्पन्न कराने वाले गायत्री परिवार के संतों ने बताया कि यज्ञ करने की परम्परा बहुत प्राचीन है। यज्ञ से राक्षसी प्रवित्ति का विनाश होता है। आत्मा के साथ साथ मन का शुद्धिकरण होता है।
गायत्री परिवार का मानना है कि हर व्यक्ति को अपने परिवार के कल्याण के साथ साथ समाज की कुरीतियों के खिलाफ प्रतिदिन यज्ञ करना चाहिए। कोरोना जैसी महामारी से विजय पाने में भारत के हर हर नागरिक ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है। इसी कारण जनता में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है। पंचकुंडीय महायज्ञ के बाद विशाल भंडारे का आयोजन हुआ। भंडारे का प्रसाद सभी सभ्रांत नागरिकों ने ग्रहण किया ।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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