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नेशनल

चिदंबरम ने की पीएम मोदी की जमकर तारीफ, बताया जनता का कमांडर

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नई दिल्ली। देश के पूर्व वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुलकर समर्थन किया है। हर मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने वाले चिंदबरम ने प्रधानमंत्री के प्रयासों की तारीफ करते हुए नरेंद्र मोदी को कमांडर व जनता को सैनिक बताया है।

चिदंबरम ने एक बयान में इस मुश्किल दौर के लिए सरकार दस सुझाव भी दिए। जिसमें गरीब, वंचितों, किसान और मजदूरों के बैंक खाते में रुपये डालने के अलावा सभी जरूरी वस्तुओं और सेवाओं पर 1 अप्रैल से 30 जून तक जीएसटी में पांच फीसदी कटौती करने का सुझाव दिया गया है।

चिदंबरम ने कहा कि मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी का 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन ऐतिहासिक क्षण है। हमें 24 मार्च से पहले तक अपनी सभी बहसों को पीछे छोड़कर लॉकडाउन को देखना चाहिए, जो कोरोना के खिलाफ एक नई जंग की शुरुआत है।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम प्रधानमंत्री, केंद्र और राज्य सरकारों को अपना पूरा समर्थन दें। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने हालांकि इसे चिदंबरम की निजी राय बताया और कहा कि यह पार्टी की राय नहीं है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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