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प्रादेशिक

रामपुर: 2 घंटे के लिये डीएम बनी इंटरमीडिएट टॉपर ने रिश्वत लेने वाले बाबू को करवाया गिरफ्तार

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रामपुर। उत्तर प्रदेश के रामपुर में यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की जिला टॉपर इकरा बी को जिले के डीएम आन्जनेय कुमार ने दो घंटे के लिए अपनी कुर्सी सौंपी। इस दौरान इकरा ने प्रशासनिक कार्यों को समझा और अधिकारियों को कई अहम निर्देश भी दिए।

इस दौरान इकरा के सामने एक बड़ी जिम्मेदारी भी आ गई जब बरेली से विजिलेंस की टीम एक बाबू को ट्रैप करने की अनुमति लेने पहुंच गई। इस पर डीएम ने इकरा को पूरी प्रक्रिया समझाई। इसके बाद इकरा ने कार्रवाई की अनुमति दे दी। कुछ देर बाद ही टीम ने जिला कृषि अधिकारी दफ्तर के वरिष्ठ सहायक मनोज कुमार सक्सेना को 12 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। वह टांडा के रहने वाले मुस्तफा कमाल से बीज और उर्वरक लाइसेंस के नाम पर रिश्वत मांग रहा था।

ऐसी कार्रवाई की अनुमति विजिलेंस टीम को नियमानुसार डीएम से लेनी होती है। इस मामले में विजिलेंस को अनुमति के कागजों पर डीएम आन्जनेय कुमार सिंह ने ही हस्ताक्षर किए लेकिन मौखिक अनुमति इकरा बी से दिलाई। बारहवीं की जिला टॉपर रहीं इकरा बी आईएएस बनना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि डीएम नामित होने के बाद अब उनका एक ही मकसद है कि किसी भी कीमत पर आईएएस बनना है। उन्होंने कहा कि उनके पिता एक श्रमिक हैं, जो भूसे की गाड़ी पर मजदूरी करते हैं। ऐसे में परिवार की आर्थिक स्थितियां तो उतनी अच्छी नहीं हैं, लेकिन आगे बढ़ने का जज्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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