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नेशनल

24 घंटे में और तेज हुई कोरोना की रफ्तार, इतने नए मामले आए सामने

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नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के मामले में बड़ा इजाफा देखा गया है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 1 दिन में कोरोना के 6,654 नए मामले सामने आए हैं।

जबकि 137 लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसके बाद भारत में कुल कोरोना के मामले 1 लाख 25 हजार के पार हो गए हैं।

भारत में अब तक कोरोना वायरस की वजह से 3720 मौते हो गई हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि 51784 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ भी हुए हैं। इससे पहले गुरुवार को कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण 148 लोगों की मौत हुई थी।

इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शु्क्रवार को बताया कि गुरुवार सुबह आठ बजे से 148 लोगों की इस वायरस के कारण मौत हो गई और 6,088 नए मामले सामने आए।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी तक करीब 40.97 प्रतिशत मरीज संक्रमण से उबर चुके हैं।’’ जिन लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई हैं, उनमें विदेशी भी शामिल हैं।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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