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नेशनल

पिछले 24 घंटों में आए कोरोना के 94,052 नए मामले, 6,148 की मौत

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नई दिल्ली। लगातार तीसरे दिन देश में कोरोना के मामले 1 लाख के नीचे आए हैं। पिछले 24 घंटों की बात करें तो देश में कोरोना के 94,052 नए मामले सामने आए हैं जबकि मृतकों की संख्या 6,148 रही। इसी के साथ भारत में कुल कोविड-19 संक्रमण बढ़कर 29,183,121 हो गया है। जबकि मृतकों की संख्या भी बढ़कर 3,59,676 हो गई है।

वहीं 1,51,367 नए डिस्चार्ज के बाद कुल ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2,76,55,493 हुई। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 11,67,952 है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 33,79,261 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 24,27,26,693 हुआ।

सरकार द्वारा संचालित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया कि 9 जून को कोविड-19 के लिए 2,004,690 नमूनों का परीक्षण किया गया, जबकि 8 जून को 1,985,967 परीक्षण किए गए थे। आईसीएमआर के आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण के लिए कुल 372,198253 नमूनों का परीक्षण किया गया है।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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