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उत्तराखंड

पूर्व सीएम के पुत्र रोहित के साथ मारपीट, कपड़े फाड़े

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पूर्व सीएम के पुत्र रोहित के साथ मारपीट, कपड़े फाड़े, तिवारी समर्थक नहीं निकला बाहर

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पूर्व सीएम के पुत्र रोहित के साथ मारपीट, कपड़े फाड़े, तिवारी समर्थक नहीं निकला बाहर

देहरादून। हरिद्वार में भगत सिंह चैक के पास स्थित जवाहरलाल नेहरु युवा केंद्र की नई कार्यकारिणी को कार्यभार ग्रहण कराने आए पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के साथ पहुंचे उनके पुत्र रोहित शेखर तिवारी और कांग्रेस के यूथ लोकसभा क्षेत्र अध्यक्ष रामविशाल देव के बीच जमकर कहासुनी के बाद मारपीट शुरू हो गई। दोनों ओर से मारपीट होते देख मौके पर तैनात भारी संख्या में पुलिस ने मोर्चा संभाला। एसपी सिटी के आदेश पर पुलिस रामविशाल को रानीपुर कोतवाली ले गई, लेकिन हिदायत देकर छोड़ दिया। वहीं रोहित ने अपने पर हमला होने का आरोप लगाते हुए शासन से पुलिस फोर्स बढ़ाने की मांग की है।

तिवारी समर्थक नहीं निकला बाहर

रविवार की दोपहर को यूथ हॉस्टल के सभागार में नेहरु युवा केंद्र की नई कार्यकारिणी का कार्यभार ग्रहण कार्यक्रम चल रहा था। काफी समय से कब्जे को लेकर चल रहे यूथ हॉस्टल के विवाद को देखते हुए रविवार को यहां झगड़े की आशंका के मद्देनजर पुलिस पहले से तैनात थी। तभी काबिज दूसरा पक्ष हर्षवर्धन शर्मा और कांग्रेस के यूथ लोकसभा अध्यक्ष राम विशाल देव हॉस्टल पहुंचे। जहां बाहर खड़े एनडी तिवारी के पुत्र और समर्थकों ने हर्षवर्धन और राम विशाल देव को गेट पर रोक लिया। दोनों ने पूर्व सीएम से मिलने की बात कही लेकिन तिवारी समर्थकों ने दोनों को अंदर जाने से मना किया। जहां रोहित तिवारी के साथ दोनों की कहासुनी हो गई।

देखते ही देखते दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। इसी दौरान रोहित शेखर तिवारी का कुर्ता फट गया। वहीं उनके एक साथी को चोटें भी आई। परिसर में तैनात एसपी सिटी नवनीत भुल्लर सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया। पुलिस रामविशाल देव को गाड़ी में डालकर रानीपुर कोतवाली ले गई। जहां करीब आधा घंटा बैठाए रखने पर हिदायत देते हुए छोड़ दिया गया। पुलिस का कहना है कि कोई शिकायत नहीं आने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं झगड़ा होने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने हर्षवर्घन शर्मा द्वारा बुलाई गई पत्रकारवार्ता भी नहीं होने दी। रोहित शेखर तिवारी ने बताया कि उन पर हमला करने का प्रयास किया गया था लेकिन उन्होंने कोई शिकायत नहीं की। हमला करने वाले कौन थे वे उन्हें पहचानते भी नहीं हैं। एनडी तिवारी समर्थक जिस नेता के साथ मारपीट का मामला हुआ वह इसके बाद दिनभर हॉस्टल के कमरे से बाहर नहीं आया। लोगों की नजर उसी कमरे पर लगी रही। मीडियाकर्मी भी उसे तलाशते रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी शनिवार की शाम अपनी पत्नी उज्ज्वला तिवारी और बेटे यूपी सरकार के सलाहकार रोहित शेखर तिवारी के साथ हरिद्वार में जवाहरलाल नेहरू युवा केंद्र यूथ हॉस्टल में पहुंचे थे। उन्होंने रात्रि में यहीं पर प्रवास किया और सुबह हॉस्टल कार्यकारिणी की बैठक ली। इस बीच रोहित शेखर तिवारी ने कहा कि मुझपर कुछ अज्ञात लोगों ने साजिशन हमला करने की कोशिश की। मैं उन्हें नहीं जानता। पुलिस के सामने झगड़ा हुआ, उन लोगों ने मेरे साथ के लोगों के साथ मारपीट की। पुलिस को इस मामले को संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए। मैं प्रदेश शासन से अपनी सुरक्षा की गुहार की मांग करता हूं। क्योंकि कई लोग मेरे पिता के साथ मुझे देखना पसंद नहीं करते। उधर राम विशाल देव का कहना है कि वह पुराने कांग्रेसी होने के नाते प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का बुके लेकर सम्मान करने गए थे लेकिन वहां पर मौजूद कुछ लोग नहीं चाहते थे कि हम उनसे मुलाकात करें। उन्हें अपने फर्जीवाड़े की पोल खुलने की आशंका थी। उन्होंने ही पहले मेरे साथ मारपीट की, बाद में मैने भी मारा। पुलिस ने मामला शांत कराया और कोतवाली लेकर जाकर झगड़ा न करने की हिदायत देकर छोड़ दिया।

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हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक समेत नौ आरोपियों की संपत्ति होगी कुर्क

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हल्द्वानी। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 8 फरवरी को हुई हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक फरार है। अब अब्दुल मलिक को पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। उधर, हल्द्वानी सिविल कोर्ट ने अब्दुल मलिक समेत नौ आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया है। नैनीताल पुलिस और प्रशासन की ओर से आदेश के अनुपालन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। नैनीताल पुलिस का कहना है कि आज से इस मामले में आरोपियों की संपत्ति को चिन्हित किए जाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

अब्दुल मलिक पर धार्मिक भावनाएं भड़काकर पुलिस और प्रशासन टीम पर हमला करने के संगीन आरोप के साथ ही सरकारी जमीनों को खुर्द-बुर्द कर मस्जिद और मदरसा बनाने का भी आरोप है। हल्द्वानी हिंसा में 6 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई अब्दुल मलिक से की जाएगी। पुलिस मलिक की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी में जुट गई है।

बता दें कि हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी, जिला प्रशासन के लोग, निगमकर्मी और मीडियाकर्मी घायल हुए थे। जबकि, छह लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने 31 दंगाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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