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प्रादेशिक

इस राज्य की सरकार का फैसला, बाइक के लिए 5 तो कार के लिए मिलेगा महज 10 लीटर पेट्रोल

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नई दिल्ली। कोरोना को देखते हुए देश के कई राज्यों ने नए-नए नियम लागू किए हैं। अब इसी के तहत मिजोरम सरकार ने पेट्रोल खरीदने की भी लिमिट तय कर दी है। लोगों को इस तय सीमा से ज्यादा पेट्रोल नहीं मिलेगा।
अब राज्य में स्कूटर के लिए सिर्फ 3 लीटर, बाइक के लिए 5 लीटर और कार के लिए 10 लीटर पेट्रोल-डीज़ल मिलेगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस की वजह से कई जगहों पर लॉकडाउन लगा हुआ है। फ्यूल टैंक समय पर नहीं पहुंच पा रहे है जिसकी वजह से वहां पर पेट्रोल-डीज़ल की कमी हो गई है। ऐसे में सरकार को ये कदम उठाना पड़ा है।

अधिकारियों ने कहा, आदेश के अनुसार, स्कूटरों के लिए 3 लीटर, अन्य दोपहिया वाहनों के लिए 5 लीटर, हल्के मोटर वाहन यानी कार के लिए 10 लीटर (LMV), मैक्सी कैब्स, मिनी ट्रक जिप्सी के लिए 20 लीटर की इज़ाजत है। वहीं, ट्रक और बस के लिए 100 लीटर की अनुमति दी गई है।

#mizoram #mizoramgovernment #petrol #diesel

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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