प्रादेशिक
महाराष्ट्र में कौन बनेगा प्रोटेम स्पीकर, ये नाम सबसे आगे
नई दिल्ली। हाल ही में महाराष्ट्र में बनी फडणवीस सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को सरकार गठन के मामले पर सुनवाई करते हए सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दिया है।
पहले प्रोटेम स्पीकर सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे। उसके बाद फ्लोर टेस्ट होगा। फ्लोर टेस्ट में गुप्त मतदान नहीं होगा और इसका लाइव टेलिकास्ट किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब इस बात की चर्चा है कि फ्लोर टेस्ट कराने के लिए प्रोटेम स्पीकर किसे बनाया जाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र में सबसे वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना है ऐसे में कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष बालासाहेब थोराट का नाम सबसे आगे आ रहा है। बालासाहेब आठ बार के विधायक हैं।
वह अहमदनगर जिले के संगमनेर से आठवीं बार चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। उनके प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है। उनके बाद सात बार के विधायक- अजित पवार, जयंत पाटिल और दिलीप वाल्से-पाटिल हैं।
अजित पवार इस समय एनसीपी से बगावत करके भाजपा के साथ हैं और राज्य के उप-मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले चुके हैं। इसलिए वह प्रोटेम स्पीकर नहीं बन सकते।
जयंत पाटिल एनसीपी के विधायक दल के नए नेता चुने गए हैं। उन्हें इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके बाद भाजपा के बबनराव पचपुटे और कालीदास कोलांबकर का नंबर आता है। दोनों ही सात बार के विधायक हैं। इसके अलावा कांग्रेस के केसी पड़वी भी सात बार के विधायक हैं।
इसके बाद भाजपा के राधाकृष्ण विखे पाटिल और हरिभाउ बगाडे का नाम आता है जो छह बार के विधायक हैं। उनके अलावा एनसीपी के छगन भुजबल भी छह बार के विधायक हैं।
दिलीप वाल्से और बगाडे 12वीं और 13वीं विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। विधानसभा सचिवालय राज्यपाल के पास कुछ नामों का सुझाव भेजेगी जिसमें से वह किसी एक का चुनाव करेंगे। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा कि राज्यपाल पचपुटे या बगाडे में से किसी को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश
हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार
हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।
इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।
शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।
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