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प्रादेशिक

उद्धव का कार्टून शेयर करने पर शिवसैनिकों ने रिटायर्ड नौसेना अधिकारी को जमकर पीटा, वीडियो वायरल

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मुंबई। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में शिवसैनिकों ने नौसेना के एक रिटायर्ड अधिकारी की सिर्फ इसलिए पिटाई कर दी क्योंकि उन्होंने उद्धव ठाकरे का एक कार्टून व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर दिया था। कार्टून शेयर करने के बाद उन्हें लगातार धमकियां मिल रहीं थीं। इसके बाद कुछ शिवसैनिक नौसेना अधिकारी के घर पहुंचे और उन्हें बाहर निकालकर उनकी जमकर पिटाई की। उन्हें कई जगह चोटें आई हैं। जिसके बाद अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। सोशल मीडिया इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा बुजुर्ग रिटायर्ड अधिकारी की पिटाई होते देखा जा सकता है। इस वीडियो को कांदिवली ईस्ट से विधायक अतुल भटखालकर ने शेयर किया है।


दरअसल, पूर्व नेवी ऑफिसर का नाम मदन शर्मा है और उन पर आरोप है कि उन्होंने एक कार्टून को व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड कर दिया था। पूर्व नेवी ऑफिसर ने कहा- ‘एक मैसेज जिसे मैने फॉरवर्ड किया था, उसके बाद मेरे पास धमकियां भरी कॉल्स आ रही थीं। आज करीब 8-10 लोगों ने मुझ पर हमला कर दिया और बुरी तरह से पिटाई की। मैंने पूरा जीवन राष्ट्र के लिए काम किया है। ऐसी सरकार नहीं होनी चाहिए। ”

पूर्व नेवी ऑफिसर की बेटी डॉक्टर शीला शर्मा ने कहा, ‘उनके पास मैसेज फॉरवर्ड करने के बाद धमकी भरी कॉल्स आईं। शिवसेना के कई कार्यकर्ताओं ने उनकी बुरी तरह से पिटाई की। उसके बाद पुलिस हमारे घर आई और हमारे पिता को अपने साथ लेकर गई। हमने एक एफआईआर दर्ज कराई है।’

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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