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प्रादेशिक

लखनऊ में शख्स ने बीच सड़क पर की पत्नी की हत्या, देखते रहे लोग

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लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के मड़ियांव में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां गायत्रीनगर इलाके में एक शख्स ने अपनी पत्नी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। पति को शक था कि उसकी पत्नी का किसी से अवैध संबंध है। फिलहाल पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है।

जानकारी के अनुसार, पति को दूसरे युवक से संबंध होने का संदेह हुआ तो चाकू से गोदकर पति ने घायल कर दिया। इस दौरान किसी ने भी उसकी मदद नहीं की।

गंभीर हालत में उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर चाकू भी बरामद कर लिया है।

डीसीपी नॉर्थ ज़ोन रहीश अख्तर के मुताबिक पति ने अपनी पत्नी को चाकू से हमला कर दिया जिसके बाद डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया और पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। जैसे ही मृतका के परिजन की तरफ से कोई तहरीर आती है आगे की कार्रवाई की जाएगी। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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