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LOCKDOWN2.0 : 20 अप्रैल के बाद जानिए क्या-क्या खुल जाएगा
कोरोना वायरस को काबू में लाने के लिए लॉकडाउन का दूसरा चरण 03 मई तक है। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में 20 अप्रैल से कुछ जरूरी सेवाओं में सशर्त छूट देने के निर्देश दिए हैं।
आइए जानते हैं कि राज्य सरकारें 20 अप्रैल के बाद कौन कौन से खास कदम उठाने जा रही हैं –
– महाराष्ट्र सरकार 20 अप्रैल के बाद से कृषि और आर्थिक गतिविधियों में छूट दे सकती है
– खेती से जुड़े कामकाज-व्यापार और फल-सब्जी व मिठाई की दुकानों को छूट दी जा सकती है
– कृषि उपज खरीदने वाली संस्थाएं, बाजार समिति, कृषि उपकरण की बिक्री व मरम्मत वाली दुकानें खुल सकती हैं
– बीज, खाद, कीटनाशक की दुकानें भी इस लाभ का फायदा उठा सकेंगी
– उत्तर प्रदेश में 11 उद्योगों को मिलेगी छूट
– 11 तरह के उद्योगों को सशर्त चलाने की अनुमति दे दी है
– स्टील, रिफाइनरी, सीमेंट, रसायन, उर्वरक, वस्त्र उद्योग, पेपर, टायर, चीनी मिल चालू करने की अनुमति दी गई है
– कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट को शुरू करने के आदेश सीएम योगी ने दिए हैं
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– राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने 21 अप्रेल से ग्रामीण क्षेत्रों और शहर के औद्योगिक क्षेत्रों में 20 अप्रैल के बाद से औद्योगिक इकाइयों को शुरू करने के निर्देश दिए हैं
– शहरी क्षेत्रों में ऐसे उद्योग जहां मजदूरों के लिए कार्यस्थल पर ही रहने की सुविधा उपलब्ध है, उन्हें भी शुरू करने के निर्देश दिए हैं
– बाहर से मजदूरों के आवागमन की अनुमति नहीं होगी
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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