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प्रादेशिक

गुजरात विधानसभा में तेंदुए के घुसने मचा हड़कंप, कर्मचारियों से बाहर रहने को कहा गया

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अहमदाबाद। गुजरात के विधानसभा सचिवालय में रविवार की रात तेंदुआ घुसने से इलाके में सनसनी फैल गई। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग और पुलिस की तरफ से संयुक्त अभियान चलाया गया है।

किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए फिलहाल सचिवालय को बंद कर दिया गया है। इस बीच सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि तेंदुआ रात 1 बजकर 53 मिनट पर सचिवालय में घुस गया।

यह इलाका सुरक्षा की दृष्टि से बेहद अहम माना जाता है। सचिवालय में मुख्यमंत्री के अलावा सभी मंत्रियों का कार्यालय है ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

जिस बिल्डिंग में तेंदुआ घुसा है वह सचिवालय की मेन इमारत है। पुलिस को गेट नंबर 7 में तेंदुए के घुसने की आशंका है।विधानसभा के बाहर कर्मचारियों की भीड़ लगी है और ऑपरेशन के खत्म होने तक उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं है।

एसपी मयूर चावला ने बताया कि सभी की सुरक्षा के लिहाज से कर्मचारियों को बाहर रोका गया है। जब तक सर्च ऑपरेशन पूरा नहीं हो जाता किसी को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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