नेशनल
केरल में जानलेवा निपाह वायरस से फैला डर, अब तक 10 मरे, केंद्र व केरल सरकार ने कमर कसी
केरल में निपाह वायरस (एनआईपी) डर लोगों में फैल रहा है। निपाह वायरस (एनआईपी) से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 10 हो गई। दो की हालत गंभीर है। केंद्र व राज्य सरकार ने निपाह वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए काम शुरू कर दिया है। वर्तमान में केरल के कोझिकोड व मलप्पुरम में इस वायरस के होने की पहचान की गई है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि वह उन सभी मेडिकल पेशेवरों का स्वागत करते हैं जो राज्य में वायरस को नियंत्रित करने के लिए आने के इच्छुक हैं।
केरल राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के.के.शैलजा ने कोझिकोड में डेरा डाल दिया है और वह यहां से मलप्पुरम का दौरा भी कर रही हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि मंगलवार तक 18 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
Visuals from Government Medical College Hospital in Kozhikode, one of the cities affected by #NipahVirus. Kerala Health Minister KK Shailaja visited the hospital. Nipah virus has so far claimed 10 lives in #Kerala. pic.twitter.com/WAiXkSaVVU
— ANI (@ANI) May 22, 2018
शैलजा ने कहा, “इनमें से 12 की पहचान की गई जिनमें से 10 पीड़ितों की मौत हो गई है और दो की हालत गंभीर है। चिकित्सक अपनी तरफ से बेहतरीन कोशिश कर रहे हैं लेकिन मंगलवार की सुबह फिर दो रोगियों की मौत हो गई।”
उन्होंने कहा कि कोझिकोड में 11 लोगों को निगरानी में रखा गया है। निपाह वायरस से सबसे पहले पेराम्बरा में दो भाइयों व उनकी चाची की मौत हुई। निपाह वायरस संक्रमित चमगादड़ों, सूअर या अन्य संक्रमित व्यक्तियों से सीधे संपर्क से आने से जानवरों व मनुष्यों, दोनों में फैलता है।
लेकिन, केंद्रीय टीम के साथ आए पशुपालन आयुक्त एस.पी. सुरेश ने कहा कि प्रभावित इलाकों में जानवरों के परीक्षण के बाद जानवरों में वायरस होने की बात सामने नहीं आई है। इसके बजाय मानव प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, “अब तक कोई पालतू जानवर प्रभावित नहीं हुआ है। अब अन्य पहलुओं की जांच की जानी चाहिए क्योंकि यह अभी तक सिर्फ मनुष्यों में पाया गया है।”
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक सुजीत के. सिंह ने मीडिया से कहा कि राज्य को सभी तरह की मदद व सहयोग दिया जा रहा है। सुजीत भी केंद्रीय टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, “जहां तक वित्तीय मदद की बात है तो इस पर मैं फैसला नहीं ले सकता। हमारी दूसरी टीम बुधवार को यहां पहुंच रही है और स्थिति नियंत्रण में है।”
दिल्ली स्थित एम्स के चिकित्सकों के एक दल के बुधवार को पहुंचने की उम्मीद है।
इस बीच मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि वह उन सभी मेडिकल पेशेवरों का स्वागत करते हैं जो राज्य में वायरस को नियंत्रित करने के लिए आने के इच्छुक हैं।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के एक डॉक्टर कफील खान की तरफ से अनुरोध आया है। उन्होंने कोझिकोड में पीड़ित लोगों की सेवा करने की इच्छा जताई है। मैं बताना चाहता हूं कि सभी सेवा का भाव रखने वाले पेशेवरों का स्वागत करता हूं और वे स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर सकते हैं, जो उनके लिए जरूरी इंतजाम करेगा।”
इस बीच कनफेडरेशन ऑफ केरल टूरिज्म इंडस्ट्री (सीकेटीआई) के ई. एम. नजीब ने कहा एक बयान में कहा कि हम सभी को संदेश देना चाहते हैं कि वास्तविकता जैसी है उसे बहुत अधिक बड़ा बनाकर चिंता जताई जा रही है। राज्य में सभी पर्यटन स्थल आम रूप से सुरक्षित हैं। हर जगह नियमों का पालन हो रहा है। (इनपुट आईएएनएस)
नेशनल
दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!
सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ
लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।
26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।
इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।
इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।
इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान
असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।
दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय
-
नेशनल3 days ago
हैदराबाद से बीजेपी उम्मीदवार माधवी लता के खिलाफ FIR दर्ज, मस्जिद की तरफ काल्पनिक तीर छोड़ने का आरोप
-
नेशनल2 days ago
सपा ने कन्नौज से तेज प्रताप यादव को बनाया उम्मीदवार, अखिलेश नहीं लड़ेंगे चुनाव
-
नेशनल3 days ago
शिक्षक भर्ती घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से गई 24000 शिक्षकों की नौकरी, बस एक महिला की बची जॉब
-
नेशनल3 days ago
राहुल गांधी की तबियत आज भी खराब, तमाम चुनावी कार्यक्रम हुए कैंसिल
-
नेशनल2 days ago
दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे दो भारतीय छात्रों की सड़क हादसे में मौत, कॉलेज से घर लौटते समय हुआ हादसा
-
नेशनल2 days ago
सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता नाबालिग को 30 सप्ताह का गर्भ गिराने की दी इजाजत