नेशनल
मानसून सत्र :राहुल के भाषण के बाद आने वाले भूकंप के लिए हो जाइये तैयार
जब हम भूकंप का नाम सुनते है तो मन में दहशत भर जाती है, लेकिन आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने जा रहे भाजपा नेता ‘भूकंप’ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और इसका मजा लेने के लिए तैयार हैं। जी हां … अपने सही सुना है भाजपा नेता भूकंप का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज सुबह ट्वीट किया कि भूकंप के मज़े लेने के लिए तैयार हो जाइए। दरअसल, पूरा मामला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एक बयान से जुड़ा है और इस कारण सोशल मीडिया पर उनका जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है। ट्विटर पर #BhookampAaneWalaHai टॉप ट्रेंड कर रहा है।
आपको बता दें कि गिरिराज के इस ट्वीट और सोशल मीडिया के इस हैशटैग को राहुल गांधी के उस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें राहुल ने कहा था कि अगर उन्हें संसद में 15 मिनट बोलने दिया जाए तो भूकंप आ जाएगा।
ज्यादातर ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा गया। कुछ ट्वीट में मजाक के लहजे में कहा गया कि पहली बार करोड़ों लोग भूकंप का इंतजार कर रहे हैं। एक ट्वीट में पूछा है कि अगर 15 मिनट में एक बार भूकंप आता है तो 38 मिनट में कितनी बार भूकंप आएगा।
आपको बता दें कि गिरिराज के इस ट्वीट और सोशल मीडिया के इस हैशटैग को राहुल गांधी के उस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है। जिसमें राहुल ने कहा था कि अगर उन्हें संसद में 15 मिनट बोलने दिया जाए तो भूकंप आ जाएगा।
बता दें कि बुधवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तेलुगू देशम पार्टी के सांसदों की तरफ से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव की स्वीकार कर लिया था। मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव है।
सुरजेवाला ने लिखा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा जनता की पीड़ा उजागर करने व सरकार का कच्चा चिट्ठा खोलने पर मोदी सरकार में भूकम्प आ ही गया।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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