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आईपीएल : दिल्ली को हराकर बेंगलोर प्लेऑफ में पहुंचा

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आईपीएल : दिल्ली को हराकर बेंगलोर प्लेऑफ में पहुंचा

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आईपीएल : दिल्ली को हराकर बेंगलोर प्लेऑफ में पहुंचा रायपुर| विराट कोहली (नाबाद 54) की एक और कप्तानी पारी तथा अपने गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने रविवार को दिल्ली डेयरडेविल्स को छह विकेट से हराकर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नौवें संस्करण के प्लेऑफ में जगह बना ली है। दिल्ली को इस हार के साथ बाहर का रास्ता देखना पड़ा है। अब प्लेऑफ में पहुंचने वाली टीमों के नाम तय हो गए हैं। गुजरात लायंस, बेंगलोर, सनराइजर्स हैदराबाद और कोलकाता नाइट राइर्ड्स ने अंतिम-4 में जगह बना ली है। बेंगलोर 8 टीमों की तालिका में दूसरे स्थान पर रहा।

शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम में खेले गए इस मैच में बेंगलोर को पहुंचने के लिए 139 रनों की दरकार थी, जिसे उसने कोहली और लोकेश राहुल 38 की बेहतरीन बल्लेबाजी के दम पर 18.1 ओवरों में चार विकेट पर जीत हासिल कर ली।

कोहली ने एक बार फिर अपनी टीम की बागडोर सम्भालते हुए 45 गेदों पर छह चौके लगाए। राहुल ने 34 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाया। लोकेश और कोहली ने ऐसे समय में 66 रनों की साझेदारी की, जब बेंगलोर ने 17 रनों पर क्रिस गेल और अबराहम डिविलियर्स के विकेट गंवा दिए थे।

राहुल का विकेट 83 रन के कुल योग पर गिरा। इसके बाद कोहली ने शेन वॉटसन (11) के साथ 28 रन जोड़े। वाटसन 111 के कुल योग पर आउट हुए लेकिन इसके बाद कोहली ने स्टुअर्ट बिन्नी (नाबाद 16) के साथ अपनी टीम को अगले चरण में ले जाने का काम किया। बिन्नी ने 11 गेदंों पर दो चौके लगाए।

यह आईपीएल-9 में कोहली का छठा अर्धशतक था। वह अब तक इस आईपीएल में 91.97 के हैरतअंगेज औसत के साथ 919 रन बना चुके हैं। वह इस साल चार शतक भी लगा चुके हैं। विराट आईपीएल इतिहास के किसी एक संस्करण में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।

इससे पहले, बेंगलोर टीम ने दिल्ली को 20 ओवरों में आठ विकेट पर 138 रनों पर सीमित कर दिया। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी कर रही दिल्ली की टीम की ओर से क्विंटन डी कॉक ने सबसे अधिक 60 रन बनाए।

बेंगलोर के गेंदबाजों के अनुशासित प्रदर्शन के आगे दिल्ली का कोई और बल्लेबाज खुलकर रन नहीं बना सका। कॉक ने 52 गेंदों पर पांच चौके और एक छक्का लगाया।

इसके अलावा करुण नायर ने 11 और संजू सैमसन ने 17 रन बनाए। क्रिस मौरिस ने अंतिम क्षणों में तेजी से 18 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 27 रन बनाए।

बेंगलोर की ओर से यजुवेंद्र चहल ने 32 रन देकर तीन विकेट लिए जबकि क्रिस गेल ने गेंदबाजी में जौहर दिखाते हुए 11 रन देकर दो बल्लेबाजों को आउट किया। क्रिस जार्डन और श्रीनाथ अरविंद को भी एक-एक सफलता मिली।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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