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भारतीयों ने खोज निकाली ऐसी तकनीक, जानकर पूरी दुनिया कर रही है सलाम!

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नई दिल्ली। समुद्र के खारे पानी को अब पीने के लायक बनाया जा सकता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसियन टेक्नोलॉजी, बैंगलोर के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक ईजाद की है जिससे यह संभव हो सका है।

इस नई तकनीक लोगों को पीने लायक साफ पानी तो मिल ही रहा है साथ ही यह वाटर प्लांट समुद्र के खारे पानी से होने वाली कई खतरनाक बीमारियों से भी लोगों को बचा रहा है। इस प्लांट का नाम डीसैलिनेशन है।

इसकी शुरूआत लक्ष्यद्वीप से की गई है यहां के 10 द्वीपों पर यह प्लांट लगाया गया है। लक्ष्यद्वीप के इन द्वीपों पर पीने के पानी का कोई कुदरती स्रोत नहीं है। लोग समुद्र के इसी खारे पानी को पीते थे। जिससे सबको गंभीर बीमारी हो रही थी।

लक्ष्यद्वीप में मिली कामयाबी से वैज्ञानिक अब अंडमान निकोबार में ज्यादा क्षमता का प्लांट लगाने की तैयारी कर रहे हैं। लवली प्रोफेशनल यूनीवर्सिटी में 106वीं इंडियन साइंस कॉन्फ्रेंस  में पहुंचे वैज्ञानिकों ने अपनी इस तकनीक का प्रदर्शन किया।

एनआईओटी के प्रोजेक्ट वैज्ञानिक योगराज शर्मा ने बताया कि इस तकनीक से लक्ष्यद्वीप में एक लाख लीटर पानी से नमक को अलग कर शुद्ध होता है। जिसे वहां रहने वाले लोगों को सप्लाई किया जाता है। प्लांट के सही ढंग से काम करने के बाद स्थानीय सरकारी लोगो को इसका अधिकार दे दिया जाता है। जो थोड़ा पैसा लेकर पानी लोगों को देती है ताकि शुद्ध किए पानी की फिजूलखर्ची न हो।

योगराज शर्मा ने बताया कि   यहां देसी तरीके से  पानी घड़े में रखकर नमक के नीचे बैठने का इंतजार करते अलग-अलग तरीकों से पानी साफ करना पड़ता था लेकिन फिर भी उसमें नमक की मात्रा रहती ही थी।

 

शर्मा ने बताया कि लक्ष्यद्वीप में समुद्र के ऊपर ही एक ब्रिज बनाया गया है। जिसके ऊपर 11 गुणा 11 स्क्वायर मीटर का डिसैलीनेशन प्लांट लगाया गया है। इसमें अब समुद्र की सतह का पानी लाते हैं जो प्लांट के फ्लश चेंबर में आता है। वहां 27 मिलीबार का वेक्यूम प्रेशर बनाया गया है।

 

उन्‍होंने बताया कि वेक्यूम प्रेशर का फायदा आम तौर पर पानी 100 डिग्री तापमान पर खौलना शुरू हो जाता है, और  उसका वाष्पीकरण शुरू हो जाता है। समुद्र के सतही पानी का अपना ही सामान्य तापमान 25 से 28 डिग्री तक होता है, इसलिए अलग से उसे गर्म करने की जरूरत नहीं होती।

 

आगे बताया कि इस पानी से जो वाष्प निकलती है, उसे कंडेसर में जमा कर लिया जाता है। फिर कंडेसर के बगल से पानी की अलग पाइप गुजरती है, जिसमें समुद्र के 300 मीटर नीचे से पानी लाया जाता है,  उस ठंडे  कंडेंसर में जमा वाष्प पानी में बदल जाता है और पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में वाष्पीकरण के बाद जो नमक या नमकीन पानी बच जाता है, उसे दोबारा समुद्र में ही डाल दिया जाता है। यह प्रक्रिया पूरा दिन चलती रहती है।

 

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बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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