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नेशनल

पाकिस्तान को धूल चटाने वाला यह भारतीय बल्लेबाज होने जा रहा है बीजेपी में शामिल!

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज गौतम जल्द ही दूसरी पारी शुरु करने जा रहे हैं। इससे पहले की आप अपना दिमाग कहीं और खर्च करें, आपको बता दें कि गौतम जल्द ही बीजेपी से राजनीतिक पारी का आगाज कर सकते हैं। खबर है गंभीर 2019 लोकसभा चुनाव दिल्ली की किसी सीट से लड़ सकते हैं।

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एक बड़े अखबार की खबर के मुताबिक, भाजपा गंभीर को आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली से उतारने की तैयारी कर रही है। चूंकि दिल्ली में भाजपा की छवि नीचे चली गई है। खासतौर से व्यापारियों और आम लोगों के बीच। पार्टी अब दिल्ली के लोगों के साथ संबंध बेहतर करने की कोशिश में है। ऐसे में गंभीर के रूप में उसके हाथ तुरुप का इक्का हाथ लगा है। वैसे भी गंभीर के लाखों फैंस हैं और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए बीजेपी के लिए उन्हें मैदान में उतारने का दांव सही साबित हो सकता है।

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बता दें कि गौतम गंभीर दिल्ली के ही रहने वाले हैं। वह उस भारतीय टीम का हिस्सा थे जो 2007 टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को धूल चटाकर खिताब हासिल किया था। गंभीर 2011 वर्ल्ड कप में भी फाइनल के हीरो थे। गंभीर ने श्रीलंका के साथ खेले गए फाइनल में 97 रनों की पारी खेली थी। इतना ही नहीं गंभीर ने कोलकाता के लिए दो आईपीएल खिताब भी जीते हैं। इस सीजन में उनके हाथों में दिल्ली की कमान थी लेकिन लगातार मिल रही हार के बाद उन्होंने टीम के कप्तान के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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