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नेशनल

भारत में बढ़े कोरोना के दैनिक मामले, पिछले 24 घंटे में आए इतने केस

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले 24 घंटे में भारत में 13,193 नए केस सामने आए हैं। ये आंकड़े पिछले दिन की तुलना में थोड़े ज्यादा हैं। वहीं, अब ठीक हुए लोगों की संख्या बढ़कर एक करोड़ छह लाख से ज्यादा हो गई है।

ताजा आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर जारी किए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 13,193 नए संक्रमित मिले हैं। इस तरह देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,09,63,394 हो गई है। वहीं, बीते दिन 97 लोगों ने इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवा दी। इसके बाद कोरोना मृतकों की संख्या बढ़कर 1,56,111 हो गई है।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 10,896 मरीजों ने कोरोना से जंग जीती। वहीं, देश में कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों की संख्या 1,39,542 हो गई है। जिनका अस्पताल में इलाज जारी है। वहीं अब तक 1,01,88,007 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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