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आध्यात्म

अगर ख्वाब में दिखे ये चीजें तो समझ जाइये बदलने वाली है आपकी किस्मत

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ऐसा कहा जाता हैं कि हर सपने के पीछे एक बहुत गहरा राज़ छिपा होता है। लेकिन सभी को पता नहीं होता कि सपने में आने वाली चीजों का क्या मत्तलब होता है। आज हम आपको बताएंगे कि अगर आपको सपने में अगर ये चीजें दिखती है, तो समझ लें आप तुरन्त धनवान बनने वाले हैं।

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उल्लू – ये तो सभी को पता ही होगा की उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन है। अगर आपको सपने में उल्लू दिखाई देता है, तो समझ लें कि आप से मां लक्ष्मी अंत्यंत खुश है। आप जल्द ही धनवान बनने वाले हैं।

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झगड़ा – भारतीय शास्त्रों में जब भी किसी को सपने में गाली या झगड़ा दिखाई देता है, तो उसका यह संकेत होता है कि आपके लिए नए मार्ग खुलने वाले हैं। जो आपको उन्नति की और ले जाएंगे तथा आपकी धन प्राप्ति में मदद करेंगे।

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चिराग – अगर सपने में किसी को जलता हुआ चिराग दिख जाए तो यह बेहद शुभ माना जाता है। सपने ने चिराग दिखना धन प्राप्ति का योग माना गया है।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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