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नेशनल

मैं गृहमंत्री होता तो देश के ‘बुद्धिजीवियों’ को गोली मारने के आदेश दे देता – BJP विधायक

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कर्नाटक से ताल्‍लुक रखने वाले बीजेपी के एक वरिष्‍ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतना ने देश के बुद्धिजीवियों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने देश के बुद्धिजीवियों पर सेना के खिलाफ नारेबाजी करने का आरोप लगाया और उन्हें गोली मारने की बात कही।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, बासनगौड़ा ने बुधवार को हुए एक कार्यक्रम में कहा, ‘बुद्धिजीवी इसी मुल्क में रहते हैं और हमारे द्वारा चुकाए कर से सभी सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं। फिर वे भारतीय सेना के ही ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करते हैं। भारत के ऐसे लोगों से खतरा है।’ ‘अगर मैं गृह मंत्री होता तो मैं ऐसे बुद्धिजीवियों को गोली मारने का आदेश दे देता।’

साभार – INTERNET

यह पहली दफ़ा नहीं है, जब बासनगौड़ा ने इस तरह का कोई विवादित बयान दिया हो। पिछले महीने विधायक का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो पार्षदों को कहते नज़र आए कि सिर्फ हिंदुओं का काम करना चाहिए और मुस्लिमों का काम नहीं करना चाहिए।

गौरतलब है कि कारगिल विजय दिवस पर गुरुवार (26 जुलाई) को सारा देश युद्ध में जान न्यौछावर करने वाले शहीदों को याद कर रहा है। सबकी आंखों में शहीदों के लिए सम्मान झलक रहा है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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