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प्रादेशिक

शख्स ने रोड पर पत्नी की गला काटकर की हत्या, लोग बनाते रहे वीडियो

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लखनऊ। यूपी के लखीमपुर खीरी जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने बीच रोड पर अपनी पत्नी की गला रेतकर हत्या कर दी। जिस दौरान वो इस घटना को अंजाम दे रहा था वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। महिला को बचाने की बजाय वो उसका वीडियो बनाते रहे। हद तो तब हो गई जब वीडियो बनाते वक्त भीड़  हत्यारे से पूछने लगी कि कि वह जिन्दा है कि मर गई। हालांकि बाद में कुछ अन्य लोगों ने हत्यारे पति को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। इस पूरी वारदात का वीडियो इतना वीभत्स है कि दिखाया नहीं जा सकता।

पीलीभीत जिले का रहने वाला रंजीत कुमार अपनी पत्नी को विदा कराने के लिए लखीमपुर खीरी जिले के निघासन थाना क्षेत्र के सलीमाबाद गांव आया था जहां उसकी बीवी ने उसके साथ जाने से मना कर दिया।

जब जबरन वह अपनी पत्नी मंजू को लेकर पीलीभीत के लिए ससुराल से निकला था तो रास्ते में पलिया कस्बे में पहुंचने पर ही पति-पत्नी के बीच आपस में कुछ विवाद हो गया। रंजीत ने अपनी पत्नी की पहले गोली मारी और उसके बाद सड़क किनारे चाकू से गोदकर पत्नी की हत्या करनी शुरू कर दी। मौके पर मौजूद लोग युवक रंजीत कुमार द्वारा अपनी पत्नी मंजू की गला रेतकर हत्या करते हुए वीडियो बनाना शुरू कर दिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया लेकिन बचाने की किसी ने जहमत नहीं उठाई।

युवक द्वारा सड़क किनारे पत्नी की गला रेत कर हत्या करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर जो वायरल हो रहा है उसका साफ तौर पर सुनाई दे रहा है कि कैसे वीडियो बनाने वाले कई लोग युवक द्वारा महिला की हत्या करते हुए उसका वीडियो बना रहे हैं लेकिन मदद के लिए बचाने के लिए कोई भी आगे नहीं जा रहा है। बताया जा रहा है कि युवक अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था। पुलिस ने बताया कि हत्या की वारदात हुई है, लेकिन सबसे शर्मनाक बात ये है कि लोग महिला को बचाने की जगह वीडियो बनाते रहे। मानवीय आधार पर भी यह गलत है. मामले में तफ्तीश जारी है और हत्या की वजह तलाशी जा रही है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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