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‘ओडिशा के मोदी’ को मंत्री बनाने के लिए लगातार कॉल करते रहे शाह, इस वजह से सारंगी ने नहीं उठाया फोन
नई दिल्ली। मोदी सरकार के मंत्री और ‘ओडिशा के मोदी’ के नाम से मशहूर प्रताप चंद्र सारंगी इन दिनों पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहे हैं। हर कोई सारंगी की सादगी को देखकर उनका कायल हो जा रहा है।
64 साल के प्रताप चंद सारंगी के मंत्री बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सारंगी को मंत्री बनाने के लिए फोन करते रहे लेकिन उन्होंने शाह का फोन नहीं उठाया। दरअसल, सारंगी अपना फोन साइलेंट करके भूल गए थे जिस वजह से उन्होंने अमित शाह का फोन नहीं उठाया।
सारंगी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया,” दोपहर तीन बजे मेरे पास फोन आया कि तुमसे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी बात करना चाहते हैं, फोन क्यों नहीं उठाते हो? उस समय मैं बीजेपी कार्यालय में था और फोन साइलेंट पर कर दिया था। बाद में जब राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने बात की तो वे बोले कि शाम को 7 बजे आपको मंत्री पद के लिए शपथ लेनी है। इससे पहले शाम 5 बजे प्रधानमंत्री के साथ एक बैठक को भी अटैंड करना है.”
सारंगी को इस बात से बहुत हैरानी हुई. सारंगी ने अमित शाह को कहा, “मैं क्यों मंत्री पद की शपथ लूं. फिर अध्यक्ष जी ने कहा कि क्या बात है, तुमको ही लेना है। फिर वे मुझसे बोले कि धर्मेंद्र प्रधान जी के साथ आप आ जाना। मैं धर्मेंद्र प्रधान जी के घर गया तो वे बोले कि मुझे भी अभी फोन आया था कि आपको साथ लेकर चलना है।”
आपको बता दें कि बालासोर से लोकसभा सांसद चुने जाने से पहले वह 2004, 2009 में निलागिरी विधानसभा सीट से बतौर विधायक जीत दर्ज कर चुके हैं।
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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
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