नेशनल
फारुख अब्दुल्ला बोले- चीन की मदद से बहाल करेंगे अनुच्छेद 370

नई दिल्ली। नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को लेकर विवादित बयान दिया है जिसपर बवाल मच गया है। फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दोबारा अनुच्छेद 370 की बहाली में चीन से मदद मिल सकती है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ”जहां तक चीन का सवाल है मैंने तो कभी चीन के राष्ट्रपति को यहां बुलाया नहीं। हमारे वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) ने उसे गुजरात में बुलाया, उसे झूले पर भी बिठाया, उसे चेन्नई भी ले गए, वहां भी उसे खूब खिलाया, मगर उन्हें वह पंसद नहीं आया, और उन्होंने आर्टिकल 370 को लेकर कहा कि हमें यह कबूल नहीं है। और जब तक आप आर्टिकल 370 को बहाल नहीं करेंगे, हम रुकने वाले नहीं हैं, क्योंकि तुम्हारे पास अब यह खुल्ला मामला हो गया है। अल्लाह करे कि उनके इस जोर से हमारे लोगों को मदद मिले और अनुच्छेद 370 और 35A बहाल हो।”
बता दें कि फारुख अब्दुल्ला अक्सर अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में बने रहते हैं। इससे पहले एक वेबसाइट से बात करते हुए फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि न ही कश्मीर के लोग खुद को भारतीय मानते हैं और न ही भारतीय होना चाहते हैं। इसके बदले वे चाहते हैं कि चीन उन पर शासन करें।
नेशनल
कोरोना वायरस पर 81% प्रभावी है कोवैक्सीन, भारत बायोटेक ने जारी किए आंकड़े

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण के आंकड़े जारी किए हैं। भारत बायोटेक कंपनी की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक वैक्सीन कोरोना वायरस पर 81% प्रभावी है।
कोरोना वायरस की इस वैक्सीन को लेकर पहले कई सवाल उठ रहे थे। भारत बायोटेक की तरफ से बताया गया है कि तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल में 25,800 वॉलंटियर शामिल थे जो कि आईसीएमआर (ICMR) की भागीदारी में अब तक के सबसे बड़े ट्रायल्स थे।
कोवैक्सीन के ट्रायल के मुताबिक ऐसे लोग जो कोविड-19 से संक्रमित नहीं हुए थे उनमें ये वैक्सीन 81 प्रतिशत तक प्रभावी पाई गई। आगे के लिए डाटा एकत्र करने के लिए और वैक्सीन की प्रभावकारिता जानने के क्रम में 130 कन्फर्म मामलों में फाइनल एनालिसिस के लिए क्लिनिकल ट्रायल जारी रहेगा।
बता दें कि इस वैक्सीन पर विपक्ष ने काफी सवाल खड़े किए थे। हालांकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोवैक्सीन टीका लगवा कर लोगों को बड़ा संदेश दिया था।
कोवैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से विकसित किया गया है।
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