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प्रादेशिक

पत्नी को तलाक देकर 65 की उम्र में दूसरी शादी करेंगे वकील हरीश साल्वे

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नई दिल्ली। पूर्व सॉलिसिटर जनरल और देश के जाने माने वकील हरीश साल्वे 65 साल की उम्र में दूसरी शादी करने जा रहे हैं। हरीश साल्वे ने हाल ही में अपनी पहली पत्नी मीनाक्षी साल्वे को तलाक दे दिया है। अब वो 28 अक्टूबर को लंदन के एक चर्च में अपनी दोस्त कैरोलिन ब्रॉसर्ड से शादी करेंगे। साल्वे और कैरोलिन ब्रॉसर्ड दोनों की यह दूसरी शादी है। इस शादी के लिए साल्वे ने अपना धर्म भी बदल लिया हैं। उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया है। कैरोलिन ब्रॉसर्ड पेशे से कलाकार हैं, पहली शादी से उन्हें एक बेटी भी है।

बता दें कि हरीश साल्वे देश के कई चर्चित मामलों में नामी-गिरामी शख्सियत का पक्ष रख चुके हैं। हरीश साल्वे मुकेश अंबानी, रतन टाट, आईटीसी होटल, वोडावोन और हिट ऐंड रन केस में बॉलिवुड ऐक्टर सलमान खान का केस लड़ चुके हैं।

इसके अलावा वो तब सुर्ख़ियों में आये थे जब उन्होंने कुलभूषण जाधव केस की पैरवी कर पाकिस्तान के आरोपों की धज्जियां उड़ा दी थी। यहीं नहीं इस केस के लिए उन्होंने बतौर फीस सिर्फ एक रुपये लिया था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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