Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

इस शहर में लग गया गोलगप्पों पर बैन, जानिए क्या है वजह

Published

on

Loading

गोलगप्पे खाना किसे पसंद नहीं होता है, हफ्ते में एक बार आप गोलगप्पे तो खा ही लेते होंगे। वैसे इस वक्त न्यूज़ पढ़ते हुए आपके मुंह में पानी तो आ ही गया होगा। मसालेदार पानी के साथ खाए जाने वाले गोलगप्पों को देश में अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे कि पानी पूरी, बताशे, पुचका आदि। लेकिन इन दिनों गुजरात के वडोदरा शहर में लोगों को गोलगप्पों के नाम से ही डर लग रहा है।

साभार – इंटरनेट

वडोदरा शहर में गोलगप्पों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है जो मानसून खत्म होने तक जारी रहेगी। यहां वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गोलगप्पों में इस्तेमाल हो रही सड़ी हुई खाद्य सामग्री को बड़े पैमाने पर जब्त किया है।

साभार – इंटरनेट

इस शहर में गोलगप्पे बनाने और बेचने वालों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। इस छापेमारी में तेल, सड़ा हुआ आटा, सड़े हुए आलू-चना जब्त किए जिनका इस्तेमाल गोलगप्पे बनाने और बेचने में किया जा रहा था। वडोदरा के कई इलाकों में गोलगप्पे बनाने वाले 50 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की गई।  इस दौरान गोलगप्पे बनाने की 4000 किलो गोलगप्पे, 3500 किलो आलू-चना, 20 किलो तेल ओर 1200 लीटर एसिड वाला पानी जब्त किया गया।

साभार – इंटरनेट

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मॉनसून के चलते  शहर में पानी से फैल रही बीमारियों को रोकने और स्वच्छता अभियान के तहत गोलगप्पों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। दूषित गोलगप्पों और उसके पानी से टाइफाइड, पीलिया, फूड पायजनिंग का खतरा रहता है। जब्त किए सारे सामान को नष्ट कर दिया गया। स्वास्थ्य की दृष्टि से शुरू किए गए इस अभियान को वडोदरा के लोगों से भी सराहना मिल रही है।

 

 

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

Published

on

Loading

अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

Continue Reading

Trending