Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

गणेश चतुर्थी स्पेशल: जाने कौन सी विधि लगाएगी आपकी पूजा में चार चाँद

Published

on

Loading

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल चतुर्थी को हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार गणेश चतुर्थी मनाया जाता है। गणेश पुराण में वर्णित कथाओं के अनुसार इसी दिन समस्त विघ्न बाधाओं को दूर करने वाले, कृपा के सागर तथा भगवान शंकर और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश जी का जन्म हुआ था।

गणेश चतुर्थी स्पेशल: जाने कौन सी विधि लगाएगी आपकी पूजा में चार चाँद

किसी भी काम का शुभारंभ करने से पहले लोग सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। अगर आप भी इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाने का विचार कर रहे हैं तो इससे पहले यह बात जान लीजिए की इस दौरान गणेश जी को विभिन्न तरह के पकवान और मिठाईयां भोग में चढ़ाया जाता है।

जब आप इन सब बातों पर विचार कर ही रहे हैं तो इस बीच आप स्वादिष्ट मोदक को कैसे भूल सकते हैं जोकि भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाई है। गणेश जी को मोदक बेहद ही पसंद थे। जिस कारण उन्हें मोदकप्रिय भी कहा जाता है। मोदक एक ऐसी मिठाई है जिसे नारियल और गुड़ के साथ तैयार किया जाता है।

गणेश चतुर्थी पूजा विधि।

नारद पुराण के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को विनायक व्रत करना चाहिए। यह व्रत करने कुछ प्रमुख नियम निम्न हैं:

* इस व्रत में आवाहन, प्रतिष्ठापन, आसन समर्पण, दीप दर्शन आदि द्वारा गणेश पूजन करना चाहिए।
* पूजा में दूर्वा अवश्य शामिल करें।
* गणेश जी के विभिन्न नामों से उनकी आराधना करनी चाहिए।
* नैवेद्य के रूप में पांच लड्डू रखें।
* इस दिन रात के समय चन्द्रमा की तरफ नहीं देखना चाहिए, ऐसा माना जाता है कि इसे देखने पर झूठे आरोप झेलने पड़ते हैं।
* अगर रात के समय चन्द्रमा दिख जाए तो उसकी शांति के लिए पूजा करानी चाहिए।

#ganeshchaturthi #lordganesha #hindugods #ganesha

आध्यात्म

होलिका दहन पर भद्रा का साया, जानें शुभ मुहूर्त

Published

on

Loading

नई दिल्ली। 24 मार्च यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इस दिन भद्रा का साया रहेगा. जबकि रंग वाली होली 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे। इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.

होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक?

24 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर पाएंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा।

होलिका दहन की पूजन विधि

होलिका दहन के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। शाम के वक्त होलिका दहन के स्थान पर पूजा के लिए जाएं। यहां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला अर्पित करें। अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं।

फिर होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें. होलिका माई को जल अर्पित करें और सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें। शाम को होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें. इसकी अग्नि में नई फसल को चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को लोग घर लाने के बाद प्रसाद के रूप में बांटतें हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है।

Continue Reading

Trending