Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

EC का बड़ा फैसला, बीजेपी के विज्ञापनों में ‘पप्पू’ शब्द के इस्तेमाल पर लगाई रोक

Published

on

Loading

गुजरात। गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापनों में निवार्चन आयोग ने बीजेपी द्वारा किये गए ‘पप्पू’ शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। मालूम हो कि बीजेपी ‘पप्पू’ शब्द का प्रयोग कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी का मजाक उड़ाने के लिए करते है।

वहीँ बीजेपी समर्थको का कहना है कि, “विज्ञापन की स्क्रिप्ट में पप्पू शब्द का इस्तेमाल सीधे-सीधे किसी के लिए नहीं किया गया था, इसलिए हमने आयोग से इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। लेकिन आयोग ने हमारा अनुरोध ठुकरा दिया। इसलिए अब हम इस शब्द की जगह कोई दूसरा शब्द इस्तेमाल करेंगे।”

BJP के कुछ सूत्रों के अनुसार, गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अधीन मीडिया कमिटी ने पार्टी द्वारा पिछले महीने पेश किए गए विज्ञापनों की स्क्रिप्ट में इस्तेमाल कुछ शब्दों पर आपत्ति जताई थी।

BJP के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, “चुनाव प्रचार से जुड़ी कोई भी सामग्री तैयार करने से पहले हमें मंजूरी लेने के लिए उसे गुजरात CEO की मीडिया कमिटी को भेजना पड़ता है। कमिटी ने विज्ञापन की स्क्रिप्ट में पप्पू शब्द को अपमानजनक करार देते हुए आपत्ति जताई। हमें इसे हटाने या उसकी जगह कोई दूसरा शब्द इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है।

ये भी पढ़ें- जब पर्रिकर ने देखी ‘एडल्ट’ मूवी, पड़ोस की सीट पर बैठा था पड़ोसी

 

 

 

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending