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आध्यात्म

धनतेरस पर गलती से भी ना खरीदें ये चीजें, वर्ना मां लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज

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नई दिल्ली। इस साल 14 नवंबर को पूरे भारत दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा। दिवाली को देखते हुए बाज़ार गुलजार हैं। लोगों की भीड़ दुकानों पर खरीदारी करने के उमड़ी हुई है। दिवाली के आसपास कई और त्योहार भी मनाए जाते हैं जिनमें धनतेरस, गोवर्धन पूजा और भाई दूज का त्योहार भी शामिल हैं। धनतेरस का त्योहार दिवाली से दो दिन पहले सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल यह 12  नवंबर को मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में धनतेरस का विशेष महत्व है। धनतेरस पर धनवंतरी के साथ-साथ माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है। धनतेरस को खरीददारी के लिए भी काफी शुभ दिन माना गया है। लेकिन कुछ ऐसी चीजें हैं तो धन तेरस के दिन नहीं खरीदनी होती हैं। अगर ऐसा किया तो मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।

धनतेरस पर न खरीदें ये चीजें:

लोहा

मान्यता के मुताबिक, धनतेरस के दिन लोहे की बनी हुईं चीजें घर में नहीं लानी चाहिए। अगर आपको लोहे के बर्तन खरीदने हैं तो धनतेरस से एक दिन पहले ही बर्तन खरीद लें।

खाली बर्तन

वैसे ये तो सच्चाई है कि दुकान से आपको कोई अनाज भरकर आपको बर्तन नहीं बेचने जा रहा है इसलिए कोशिश करें कि घर में बर्तन लाने से पहले इसे पानी या किसी दूसरी चीज से भर लें।

स्टील

धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है। स्टील भी लोहा का ही दूसरा रूप है इसलिए कहा जाता है कि स्टील के बर्तन भी धनतेरस के दिन नहीं खरीदने चाहिए। स्टील के बजाए कॉपर या ब्रॉन्ज के बर्तन खरीदे जाने चाहिए।

काले रंग की वस्तुएं

धनतेरस के दिन काले रंग की चीजों को घर लाने से बचना चाहिए। धनतेरस एक बहुत ही शुभ दिन है जबकि काला रंग हमेशा से दुर्भाग्य का प्रतीक माना गया है इसलिए धनतेरस पर काले रंग की चीजें खरीदने से बचें।

धारदार हथियार

धनतेरस के दिन अघर आप खरीदारी करने निकले हैं तो चाकू, कैंची व दूसरे धारदार हथियारों को खरीदने से बचना चाहिए।

कारें

कई घरों में धनतेरस के दिन कार खरीदने की योजना बनाई जाती है क्योंकि यह शुभ दिन माना जाता है लेकिन मान्यताओं के मुताबिक, अगर आपको धनतेरस के दिन कार घर लानी है तो उसका भुगतान एक दिन पहले कर लें, धनतेरस के दिन नहीं।

नकली सोना

धनतेरस के दिन सबसे ज्यादा सोने की ही खरीदारी होती है लेकिन एक बात ध्यान में रखना जरूरी है कि इस दिन गलती से भी नकली ज्वैलरी, सिक्के घर में नहीं लाने चाहिए।

तेल

धनतेरस के दिन तेल या तेल के उत्पादों जैसे घी, रिफाइंड इत्यादि लाने के लिए मना किया जाता है। धनतेरस पर दीये जलाने के लिए भी तेल और घी की जरूरत पड़ती है इसलिए ये चीजें पहले से ही खरीद कर रख लें।

शीशे की बनी चीजें

कांच का संबंध राहु से माना जाता है इसलिए धनतेरस के दिन इसे खरीदने से बचना चाहिए। इस दिन कांच की चीजों का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।

उपहार

धनतेरस के एक दिन पहले तोहफे खरीदना और देना शुभ माना जाता है लेकिन धनतेरस के दिन नहीं. इसके पीछे तर्क ये दिया जाता है कि किसी को तोहफा देने का मतलब है कि आप अपने घर से रुपए खर्च कर रहे हैं यानी धनतेरस के दिन अपने घर से लक्ष्मी को दूसरी जगह भेजना अशुभ माना जाता है।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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