आध्यात्म
धनतेरस विशेष: इस विशेष समय पर खरीददारी करने से मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न, जानें कैसे
आज का दिन मां लक्ष्मी का दिन है। इस दिन का इन्तेजार लोग दिवाली के कई दिनों पहले से ही करना शुरू कर देते है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि आज के दिन मां लक्ष्मी लोगों के घरों में अपने कदम रखती है अर्थात निवास करती है।
अगर हम बात करें मां लक्ष्मी के आगमन की तो वो आज हम किसी भी वक़्त अपने घर में कर सकते है पर अगर वहीँ हम खरीददारी की बात करें तो उसका अपना विशेष समय है।
पंडितों के अनुसार , इस दिन सूर्यास्त होने से दो घंटे पूर्व प्रदोष व्यापिनी होने से त्रियोदशी तिथि लग रही है। इसमें भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। दोपहर 2:46 बजे से शाम 4:17 बजे तक कुंभ लग्न में खरीदारी शुभ है।
आइये जानते है आज कौन सा समय आपकी खरीददारी के लिए उचित और उत्तम होगा।
खरीदारी के शुभ मुहूर्त –
स्थिर वृष लग्न – शाम 7:22 बजे से रात 9:18 मिनट तक
प्रदोष काल मुहूर्त – शाम 5:45 से रात 8:17 बजे तक
कुंभ लग्न – दोपहर 2:46 बजे से शाम 4:17 बजे तक
#HappyDiwali #deepawali #dhanteras #deepawali2020
आध्यात्म
आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी
नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है
रामनवमी का इतिहास-
महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।
नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।
-
आध्यात्म3 days ago
आज होगी मां दुर्गा के अष्टम रूवरूप महागौरी की पूजा-अर्चना, इन बातों का रखें ख्याल, मिलेगी विशेष कृपा
-
उत्तर प्रदेश3 days ago
जौनपुर की चुनावी जंग हुई रोचक, बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बनाया उम्मीदवार
-
प्रादेशिक3 days ago
सलमान के घर पर फायरिंग करने वाले दोनों शूटर गुजरात से गिरफ्तार, लाया जा रहा मुंबई
-
उत्तराखंड3 days ago
10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण
-
नेशनल1 day ago
असम के नलबाड़ी में बोले पीएम, आज पूरे देश में मोदी की गारंटी चल रही है
-
नेशनल1 day ago
प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में किया रोड शो, कहा- मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
अखिलेश के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेस में राहुल का वादा- ‘गरीब परिवार की एक महिला को 1 लाख रुपये सालाना देंगे’
-
आध्यात्म2 days ago
आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी