प्रादेशिक
योगी सरकार ने चार वर्षों में दी चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरीः डॉ दिनेश शर्मा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने प्रेस प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि योगी सरकार ने जो कहा, उसे करके भी दिखाया है।भाजपा के संकल्प पत्र के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार झूठी घोषणाओं में यकीन नही करती है बल्कि जो कहती है वह करके दिखाती है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने अपने संकल्प पत्र में जितने वायदे किए सभी को पूरा किया और यह विपक्ष ही नही बल्कि समस्त जनता के सामने है। उन्होंने कहा कि अपने आप को युवाओं का हितैषी बताने वाली पूर्व की सरकारों में भले ही युवाओं के लिए कुछ नहीं किया गया हो लेकिन योगी सरकार ने चार सालों में चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का काम किया है। यहां तक की प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में लाखों प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया।
डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि पिछली सरकारों में प्रदेश भर में चीनी मिलों को बेचने का काम किया गया। इससे किसानों का बड़े पैमाने नुकसान हुआ। वहीं, प्रदेश सरकार ने बंद चीनी मिलों को चालू किया। वैश्विक महामारी कोरोना काल की कठिन चुनौतियों के दौरान भी टीकाकरण, टेस्ट, सभी 119 चीनी मिलों के संचलन, गेहूं की रिकॉर्ड खरीद और भुगतान, एथनॉल उत्पादन में भी यूपी देश में नंबर वन बना हुआ है। योगी सरकार में 50 लाख किसानों को ड्रिप स्पिंकलर सिचाई योजना का लाभ दिया गया।
बुंदेलखंड में किसानों के बिजली बिल के फिक्स चार्ज में 50 से 75 प्रतिशत तक छूट दी गई। प्रदेश की 27 से अधिक मंडियों को आधुनिक किसान मंडी के रूप में डेवलप किया जा रहा है। किसानों को तकनीक से जोड़ने के लिए 69 कृषि विज्ञान केन्द्रों के अलावा 20 अन्य कृषि विज्ञान केन्द्र निर्मित कराने का काम योगी सरकार में संभव हो सका है।
डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि अपने को युवाओं की हितैषी कहने वाली पूर्व की सरकारें अपने कार्यकाल में युवाओं को रोजगार उपलब्धि कराने में फिसडडी रही है। वहीं, योगी सरकार ने 4 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का काम किया है जबकि दिसम्बर तक 1 लाख और युवाओं को नौकरी देने की योजना है। कोरोना काल के दौरान विभिन्न राज्यों से 34 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर प्रदेश के अंदर आए थे।
इस दौरान सरकार ने प्रवासी मजूदरों के लिए खाने पीने की व्ययवस्था के साथ इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया। सरकार की ओर से प्रवासी मजूदरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उनकी स्किल मैपिंग कराई ताकि मजूदरों को उनको हुनर के हिसाब से रोजगार उपलब्ध हो सकें। सरकार अब तक 25 लाख से अधिक मजदूरों की स्किल मैपिंग का काम करा चुकी है। सरकार की ओर से प्रवासी श्रमिक राहत पोर्टल बनाया था। इसमें मजूदरों का डाटा उनकी दक्षता के हिसाब से तैयार किया गया है। इससे उनको रोजगार दिलाने में आसानी होगी।
डॉ0 शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद से 66,000 करोड़ रुपये के निवेश के 96 प्रस्ताव मिले हैं। यह योगी सरकार की नीतियों से ही संभव हो सका है। इसमें से 16,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव जमा करने वाले 18 निवेशकों को भूमि आवंटित की जा चुकी है। वहीं, 2017 से पहले यूपी में माफिया राज के चलते निवेशक यहां आना नहीं चाहते थे। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के चलते बड़े-बड़े माफिया या तो जेल में है या यूपी छोड़कर चले गए है। जिसकी वजहह से यूपी में तेजी से निवेश बढ़ रहा है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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