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नेशनल

दिल्ली में लगातार चौथे दिन कोरोना से 100 से ज्यादा की मौत

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नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना से मौतों के आंकड़े अब डराने लगे हैं। दिल्ली में पिछले चार दिनों से लगातार 100 से ज्यादा मरीजों की मौतों इस वायरस से हो रही है। सोमवार को चाइनीज वायरस से दिल्ली में 121 लोगों की मौत हो गई। हालात ये हैं कि शमशान घाट में शव जलाने के लिए लोगों को घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। कुछ यही हाल कब्रिस्तान के भी हैं। कब्रिस्तानों में अब शव दफनाने के लिए जगह नहीं बची है।

12 नवंबर को 104 मरीजों की जान गई। इसके बाद 18 नवंबर को अब तक सबसे अधिक 131 मरीजों की मौत इस वायरस से हुई। पिछले 10 दिनों में कोविड से होने वाली मौत का औसत बढ़कर 1.83 पर्सेंट तक पहुंच गया है। सोमार को जारी रिपोर्ट में संक्रमित मरीजों की संख्या और संक्रमण रेट दोनों में गिरावट दर्ज हुई है।

सोमवार को कुल 37,307 सैंपल की जांच की गई। इमसें से 4454 सैंपल पॉजिटिव मिले। यानी कुल 11.94 पर्सेंट संक्रमण रेट दर्ज किया गया। पिछले दिनों की तुलना में यह कम है। लेकिन इसकी वजह टेस्ट में भारी कमी कही जा सकती है। राहत की बात यह रही कि 7,216 मरीज रिकवर भी हुए हैं। अब तक दिल्ली में 4,88,476 मरीज ठीक हो चुके हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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