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3 दिन में मिला ‘झारखंड की निर्भया’ को इंसाफ, कोर्ट ने दोषियों को सुनाई मौत की सजा

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नई दिल्ली। निर्भया के गुनहगार एक बार फिर फांसी के फंदे से बच गए हैं। दिल्ली में दरिंदों का शिकार हुई निर्भया को अब तक इंसाफ नहीं मिला, उल्टा कोर्ट ने उसके माता-पिता के जख्मों पर नमक छिड़कते हुए तीसरी बार फांसी पर रोक लगा दी। अब सवाल ये उठता है आखिर निर्भया के दरिंदों को फांसी कब होगी। कब मिलेगा निर्भया को इंसाफ। कब कोर्ट चारों दरिदों को फांसी पर लटकाकर उन लोगों के सामने एक उदहारण पेश करेगी जो लड़कियों पर गंदी निगाह रखते हैं।

जिस देश में एक आतंकवादी की फांसी रूकवाने के लिए रातोंरात अदालत बैठ जाती है, वहां निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर लटकाने में 7 साल आखिर कोर्ट को क्यों लग रहे हैं। भले ही निर्भया और उसके माता-पिता को अब तक इंसाफ नहीं मिला है लेकिन झारखंड के दुमका में कोर्ट ने नज़ीर पेश करते हुए छह साल की बच्ची से रेप और हत्या के दोषियों को महज तीन दिन की सुनवाई के बाद फांसी की सजा सुना दी। दोषियों को ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ के तहत सजा सुनाई गई है।

यह अपने आप में पहला मामला है जब गैंगरेप और हत्या के मामले में एक महीने के भीतर सजा सुनाई गई हो। दरअसल यह हत्या कई मामलों में जघन्य थी। बच्ची का गैंगरेप और मर्डर करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसके रिश्ते का चाचा था। 5 फरवरी को रिश्ते में चाचा लगने वाले मिट्ठू राय अपने छह साल की भतीजी को चॉकलेट और बैलून दिलाने का झांसा देकर घर से ले गया था। हैवानियत यहीं नहीं रुकी। शख्स ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर बच्ची का गैंगरेप किया। गैंगरेप के दौरान बच्ची चीखती रही, जब वह बेहोश हो गई तब हैवानों ने बच्ची को गला दबाकर मार डाला। लाश छिपाने के लिए बच्ची को मिट्टी में दबा दिया।

हत्यारे बच्ची की लाश दबाने के बाद उसके घर पर ही रुक गए। घरवाले बच्ची को रातभर ढूंढते रहे। बच्चीं के परिजनों के साथ दरिंदे भी बच्ची को ढूंढने का नाटक करते रहे। जब बच्ची नहीं मिली तो वह बहाना करके वहां से निकल गए। इसके बाद बच्ची के परिवार वालों ने पुलिस को सूचना दी। घटना के दो दिन बाद पुलिस ने बच्ची की लाश बरामद की। इसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर मुख्य आरोपी मिट्ठू राय को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। वहीं, उसकी निशानदेही पर पुलिस ने दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है।

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लोकसभा चुनाव: उत्तराखंड की पांच सीटों पर मतदान जारी, बीजेपी प्रत्याशी अजय भट्ट ने डाला वोट

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देहरादून। लोकसभा चुनाव के तहत आज उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। लोग अपने घरों से निकल कर अपने मताधिकार का उपयोग करने मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। मतदान केंद्रों के बाहर लोगों की लंबी लंबी कतारें लगी हुई हैं। देश के इस महापर्व को मानने के लिए लोगों में उत्साह दिखाई दे रहा है।

पुरुषों के साथ महिलाएं भी वोट के लिए लाइनों में लगी हैं। बुजुर्ग, महिलाएं, पुरुष, युवा सभी लोग अपना वोट डालने मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में डीएम सोनिका सिंह ने मतदान केंद्र पहुंचकर मतदान किया। अपर मुख्य राज्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे भी अपनी पत्नी के साथ मतदान केंद्र पहुंचे और मतदान किया। वहीं उत्तराखंड के पूर्व सीएम और पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने टिहरी लोकसभा सीट के, मसूरी विधानसभा क्षेत्र में बूथ संख्या 83 में बेटी आरुषि निशंक एवं विदुशी निशंक के साथ मतदान करके लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी की।

नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय भट्ट ने रानीखेत में अपने मत का प्रयोग किया। अजय भट्ट जिस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं रानीखेत उससे दूर है लेकिन लोकतंत्र के महापर्व पर वो रानीखेत गए और वोट डाला। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा ने अल्मोड़ा के दुगालखोला पंचायत घर में वोट डाला। भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा ने अपनी पत्नी के साथ पहुंचकर किया मतदान।

पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी ने नकोट में वोट डाला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए बताया कि- आज विकसित भारत संकल्प के लिए अपने गांव में मतदान किया। अवश्य मतदान करें, सोच विचार कर करें। आपका एक वोट आपके लिए सरकार चुनता है और देश का भविष्य तय करता है। सक्षम, विकसित और उज्जवल भारत के लिए अवश्य मतदान करें। वन्दे मातरम्! भारत माता की जय!

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