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नेशनल

देश में कोरोना वायरस की स्पीड हुई तेज, बीते 24 घंटे में आए इतने ज्यादा मामले

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते 24 घंटे में देश में रिकॉर्ड कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना के 62 हजार 258 केस सामने आए हैं।

इस दौरान 291 लोगों को मौत भी हुई है। इस खतरनाक वायरस से महाराष्ट्र एक बार फिर से सबसे ज्यादा प्रभावित है। सबसे ज्यादा कोरोना के मामले इसी राज्य से सामने आ रहे हैं।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक भारत में कल तक कोरोना वायरस के लिए कुल 23,97,69,553 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 11,64,915 सैंपल कल टेस्ट किए गए।

बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में टीकाकरण अभियान भी चल रहा है। अभी तक 5,81,09,773 खुराकें लोगों को दी जा चुकी हैं। पिछले 24 घंटों में 26,05,333 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 54,94,759 वैक्सीन लगाई गई हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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