नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 239 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कुल संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 7447 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण से कुल 6,565 लोग संक्रमित हैं, जबकि महामारी के चलते अब तक कुल 239 व्यक्तियों की मौत हो गई है। एक मरीज के पलायन सहित उपचार के बाद 642 लोग पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
महाराष्ट्र 1574 एक्टिव मामलों के साथ महामारी से सबसे अधिक प्रभावित है। राज्य में संक्रमण के चलते 110 मौतें हुई हैं, जबकि इलाज के बाद 188 लोग ठीक हुए हैं। तमिलनाडु भारत का दूसरा ऐसा राज्य है, जो कोरोनवायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां कुल 943 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 8 लोगों की मौत हो गई है।
वहीं, पिछले 24 घंटों में कुल 180 से अधिक मामलों के साथ राष्ट्रीय राजधानी इस सूची में 903 एक्टिव मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है। दिल्ली में महामारी से कुल 13 लोगों की मौत हुई है, जबकि उपचार के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ हुए 25 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को पांच और इलाकों को कन्टेंटमेंट जोन घोषित कर दिया है। इसके बाद से राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर सील हुए कुल हॉटस्पॉट की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।
एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, नए हॉटस्पॉट्स में दक्षिण-पूर्व दिल्ली का जाकिर नगर शामिल है। यहां लेन नंबर 18 से 22 और अबू बकर मस्जिद के आस-पास के इलाकों को कन्टेंटमेंट जोन घोषित किया गया है, जबकि बाकी जाकिर नगर को बफर जोन घोषित किया गया है।
वहीं, एक ही परिवार के तीन सदस्यों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि के बाद नजफगढ़ में डिंडारपुर गांव के आसपास के क्षेत्र को कन्टेंटमेंट जोन बना दिया गया है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “ऑपरेशन शील्ड के तहत दिल्ली में अब 30 कन्टेंटमेंट जोन है।”
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।