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नेशनल

देश में कोरोना की रफ्तार हुई और तेज, बीते 24 घंटे में 3,645 लोगों की मौत

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार कम होती नहीं दिख रही है। हर दिन भारत में कोरोना के नए मरीजों की संख्या बढ़ती चली जा रही है। इसके अलावा मौत के आंकड़े भी रोज तेजी से बढ़ रहे हैं।

ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 3.79 लाख से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिले हैं और 3645 से ज्यादा लोगों की संक्रमण से जान चली गई। राहत की बात ये है कि अब डेढ़ करोड़ से ज्यादा मरीज कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं।

ताजा आंकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किए गए। इसके मुताबिक देश में बीते 24 घंटों में 3,79,257 नए कोरोना मरीज मिल हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 1,83,76,524 हो गई है।

वहीं बीते 24 घंटों में 3645 लोगों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया। इसके साथ कोविड से मरने वालों की संख्या 2,04,832 पहुंच गई। महामारी के दस्तक देने से लेकर अब तक एक दिन में पहली बार 3600 से अधिक लोगों की कोरोना से मौत हुई।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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