अन्तर्राष्ट्रीय
कोरोनाः इस मुस्लिम शासक ने खतरनाक वायरस को कर दिया बेअसर, अपनाया ये तरीका
नई दिल्ली। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही है। इस खतरनाक वायरस से अब तक 19 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।
वहीं, इससे मरने वालों की संख्या 1 लाख 19 हजार के पार जा चुकी है। फिलहाल इस वायरस की कोई दवा नहीं खोजी जा सकी है। यही कारण है दुनियाभर के देश लॉकडाउन कर अपने लोगों को बचाने में जुटे हैं।
कोरोना वायरस के आगे जहां कई विकसित देश बेबस नजर आ रहे हैं वहीं एक ऐसा छोटा सा देश है जो कोरोना पर काफी हद तक काबू पा चुका है।
हम बात कर रहे हैं इस्लामिक देश ब्रुनई की। दक्षिण-पूर्वी एशिया का ये देश कोरोना को रोकने में काफी हद तक सफल हो चुका है। आंकड़ों के अनुसार यहां वर्तमान में कोरोना वायरस के करीब 136 केस हैं जिसमें से 104 पूरी तरह से स्वस्थ्य हो चुके हैं, वहीं एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है। इसके पीछे यहां के सुल्तान को क्रेडिट दिया जा रहा है।
वायरस न फैलने के पीछे यहां के सुल्तान द्वारा लागू किए गए सख्त नियम हैं जिससे कोरोना का फैलाव इस देश में नहीं हो सका। इस देश के सुल्तान का नाम हसनअल बोल्किया है। यहां के सुल्तान के पास ही पूरी सत्ता है।
जब ब्रुनेई में पहले कोरोना केस की पुष्टि हुई उसी समय सुल्तान ने कई चीजों पर रोक लगा दी थी। 24 मार्च 2020 से, ब्रुनेई ने (विदेशियों के लिए) और देश से बाहर (सभी के लिए) आने जाने पर रोक लगा दी थी।
सुल्तान ने सख्त कदम उठाते हुए जो लोग विदेश से लौटे थे उन्हें 14 दिन के लिए क्वारनटीन सेंटर में रहने का आदेश जारी कर दिया। शादियों और खेल आयोजनों, सामूहिक बैठकों में शामिल होने पर पूरी तरह रोक लागू की गई है साथ ही मस्जिदों में जाने की भी पाबंदी लगा दी गई।
देश के सुल्तान ने कोरोना वायरस टेस्ट की क्षमता को 10 गुना बढ़ा दिया। ब्रुनई के सुल्तान द्वारा किए गए इन सख्त फैसलों से आज यह देश कोरोना जैसे जानलेवा वायरस से जंग जीतता नजर आ रहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे दो भारतीय छात्रों की सड़क हादसे में मौत, कॉलेज से घर लौटते समय हुआ हादसा
न्यूयार्क। अमेरिका में पढाई कर रहे तेलंगाना के दो छात्रों की सड़क हादसे में मौत हो गई है। दोनों छात्रों निवेश मुक्का और गौतम कुमार पारसी की शनिवार रात एरिजोना के पियोरिया में उस समय जान चली गई, जब उनकी कार दूसरी कार से जा टकराई। दोनों की उम्र 19 वर्षीय थी।
रिपोर्ट के अनुसार, निवेश करीमनगर जिले के हुजूराबाद शहर का रहने वाला था, वहीं गौतम कुमार जनगांव जिले के स्टेशन घनपुर का रहने वाला था। दोनों एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहे थे।
दोनों अपने दोस्तों के साथ विश्वविद्यालय से घर लौट रहे थे, तभी सामने से आ रही कार ने उनके वाहन को टक्कर मार दी। निवेश और गौतम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य घायल हो गए। निवेश डॉक्टर दंपत्ति नवीन और स्वाति का बेटा था। दोनों छात्रों के परिवारों ने भारत सरकार से शवों को वापस लाने में मदद की अपील की है।
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