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प्रादेशिक

सीएम योगी की मंजूरी के बाद शुरू होगा कोरोना की वैक्सीन ‘Covaxin’ का थर्ड फेज ट्रायल

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लखनऊ। यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद अब जल्द ही कोरोना वायरस की वैक्सीन ‘Covaxin’ का थर्ड फेज ट्रायल शुरू होगा। इसका ट्रायल लखनऊ और गोरखपुर में किया जाएगा। उत्तरप्रदेश के मुख्य अपर सचिव (चिकित्सा और स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के निदेशक वी कृष्ण मोहन को एक पत्र लिखा है। इस तरह से पत्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के दो शहरों में कोरोना की वैक्सीन का परीक्षण करने की अनुमति दी है।

पत्र में लिखा है, ‘कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को उत्तर प्रदेश में किए जाने संबंधी अनुमति दी जाती है। भारत बायोटेक को लखनऊ और गोरखपुर में वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।

भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, आपको क्लिनिकल ट्रायल संबंधी सभी सुरक्षा और अन्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। लखनऊ के लिए संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टर आरके धीमन और गोरखपुर के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर गणेश कुमार को नोडल अफसर नियुक्त किया गया है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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